पुरातन अगरतला यानी पुराना अगरतला को अक्सर त्रिपुरा की दूसरी राजधानी कहा जाता है। वर्तमान अगरतला से 7 किमी दूर स्थित पुराना अगरतला मुख्य रूप से चतुर्दशा देवता मंदिर के लिए प्रसिद्ध है।
चतुर्दशा देवता मंदिर 14 देवी-देवताओं को समर्पित है। ये 14 देवी-देवता आपस में मिलकर चतुर्दशा देवता के नाम से जाने जाते हैं। मंदिर की संरचना बंगाल के गांव में पाई गई स्तूप जैसे घरों से काफी मिलती-जुलती है। राजा कृष्ण माणिक्य देबबर्मण द्वारा बनवाए गए इस मंदिर के वास्तुशिल्प में बंकुर शैली और बौद्ध शैली का मिला-जुला रूप देखने को मिलता है। सभी 14 देवी व देवताओं का स्थानीय नाम भी है।
जुलाई में खरची पूजा के दौरान त्रिपुरा के साथ-साथ पूरे देश से लोग चतुर्दशा देवता मंदिर आते हैं। 14 देवी व देवताओं के लिए 6 दिन तक मंदिर में पूजा-अर्चना होती है।