इसे समन बुर्ज और शाह बुर्ज के नाम से भी जाना जाता है। आगरा के किले में यह मुगल बादशाह शाहजहां के दीवान-ए-खास के पास स्थित है। 17वीं शताब्दी में शाहजहां ने इस अष्टभुज आकार के बुर्ज का निर्माण अपनी प्रिय पत्नी मुमताज महल को श्रद्धांजलि देने के लिए करवाया था। पर्यटक यहां से ताजमहल का विहंगम नजारा देख सकते हैं।
यह बहुमंजिला बुर्ज कई महंगे पत्थरों से सजाया गया है। इसमें संगमरमर को बेदह बारीकी से जड़ा गया है और यहां से बैठ पर शाही औरतें पूरी गोपनियता के साथ बाहर की गतिविधियों देखतीं थी। हॉल के छत को संगमरमर के गुंबद से ढंका गया है। हॉल के चारों ओर एक बरामदा भी है और इसके बीच में एक फव्वारा है। दुर्भागयवश शाहजहां और उनकी बेटी जहांआरा बेगम को उनके बेटे औरंगजेब ने यहीं कैद कर दिया था।