विश्व प्रसिद्ध ताज महल के अलावा आगरा मुगल वास्तुशिल्प से बनी उत्कृष्ट कृतियों के लिए भी काफी चर्चित है। इन्हीं में से एक है अकबर महान का मकबरा। सिकंदरा स्थित यह मकबरा 119 एकड़ में फैला हुआ है। 8 साल में बने इस मकबरे का निर्माण कार्य अकबर के द्वारा 1605 में शुरू करवाया गया था और उनके बेटे जहांगीर ने इसके निर्माण को 1605 में पूरा करवाया।
मकबरे का निर्माण संगमरमर और लाल बलुआ पत्थर से किया गया है और इसमें मुस्लिम और हिन्दू वास्तुशिल्प शैली का अनूठा मिश्रण देखने को मिलता है। इसमें प्रयुक्त संगमरमर में खूबसूरत नक्काशी की गई है और इसे आभूषणों से सजाया गया है।
मकबरा 105 स्क्वायर मीटर के क्षेत्र पर बना है और निर्माण में परिशुद्धता के लिए कम्पास का सहारा लिया गया था। यह ऊंची दीवारों से घिरे मनमोहक बाग के बीच में स्थित है। इस मकबरे की खासियत इसका दरवाजा है, जिसे बुलंद दरवाजा कहा जाता है। दरवाजे से शुरू होकर एक चौड़ा रास्ता मकबरे तक जाता है। यह दरवाजा एक मेहराब पर बना हुआ है और इसमें संगमरमर से बनी चार मीनारें हैं। देखा जाए तो मकबरे से ज्यादा इसका दरवाजा लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है।