826 ऊँचा यह झरना भारत के सर्वाधिक झरनों में माना जाता है। यह 4 धाराओं में बहता है, राजा, रानी, रोकेट और रोरर। पौराणिक कथा के अनुसार इस झरने के पीछे एक गुफा है जहा कोई जोगी रोज तपस्या करता था। इस लिए इस झरने नाम जोगीगुंडी है। इसकी शुरुवात मालप्रभा नदी से होती है और तुंगबद्रा संग बहती बहती यहाँ तक पहुँचती है। यह अगुम्बे से 3 कि.मी दूर है। यहाँ का 3/4 रास्ता किसी भी वाहन के द्वारा तह किया जा सकता है और बाकी का रास्ता ट्रैकिंग द्वारा।