18 मी. ऊंचे इस किले का निर्माण 15 वीं और 16 वीं शताब्दी में अहमद निजाम शाह ने करवाया था।भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान इस किले में कई नामी-गिरामी नेताओं को कैद में रखा गया था।
जवाहर लाल नेहरू ने अपनी किताब डिस्कवरी ऑफ इंडिया में भी इस जगह का उल्लेख किया है।वर्तमान में इस किले की देखरेख की जिम्मेदारी भारत की सैन्य कमान के पास है।