इस जगह को बुरहान शाह की याद में बनवाया गया था जोकि निजाम शाह का पुत्र था। इस पैलेस में पुराने जमाने की कला और संस्कृति की झलक साफ दिखाई देती है। यह बाग अष्टकोणीय रूप में बना हुआ है।
यहां के गुंबद के आकार का बड़ा सा हॉल है। निजाम शाही राजा इस पैलेस में शतरंज खेला करते थे और यहां की झील में स्नान करते थे।