मेगानगुडी को मेगुती के नाम से भी जाना जाता है जो कि एक जैन मंदिर है और यह मंदिर द्रविण शैली की वास्तुकला में निर्मित है। जो भी पर्यटक ऐहोल की यात्रा पर आते है उन्हे इस समूह की यात्रा की सलाह दी जाती है। इस मंदिर के समूह को लगभग 5 वीं सदी में बनवाया गया था, जो कि एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है।
इस मंदिर परिसर के भीतरी हिस्से में एक खंभे वाला हॉल और तीन सेल्स वाली दीवार स्थित है जो पहले मंजिल पर बने है। वहीं मंदिर के दूसरे फ्लोर पर एक बरामदा और वर्गाकार सेल स्थित है। इस मंदिर में एक केंद्रीय कक्ष भी स्थित है। मंदिर के पीछे, एक अंतराला और एक गर्भगृह स्थित है और सामने एक हॉल स्थित है।
यहां पर ऐहोल के प्रसिद्ध शिलालेख स्थित है जिन्हे 634 ई. पू. बनवाया गया था। इन सभी शिलालेखों को मंदिरों की बाहरी दीवारों पर बनाया गया है। मंदिर के दक्षिण पूर्व कोने में एक छोटा सा जैन मंदिर स्थित है जिसमें एक दीवार, पोर्च और गर्भगृह है। इस मंदिर में पांच फुट ऊंची भगवान बाहुबली की मूर्ति रखी हुई है।
इसके अलावा, यहां तीर्थांकरों के चित्रों की नक्काशी भी बनी हुई है। इस मंदिर में स्थित एक सुपरस्ट्रक्चर भी स्थित है जो इसकी सुंदरता में चार चांद लगा देता है। इस मंदिर में अन्य उल्लेखनीय चीज यहां की 16 कॉलम की पोर्च है, जो इसके अंदर ही स्थित है।