पर्यटक जब भी ऐहोल की यात्रा पर आएं तो रावण फाड़ी की सैर अवश्य करें। यह पूरे ऐहोल में सबसे पुराना गुफा मंदिर है। भगवान शिव को समर्पित इस जगह में ऐहोल की सबसे बड़ी गुफा है। इस गुफा के अंदर दो बड़े-बड़े मंदिर है। यहां भगवान शिव की नृत्य करते हुए कई चित्र लगे हुए है। इस गुफा को 6 वीं सदी में बनाया गया था। इस मंदिर के दो भाग है मंतपस और शिवलिंग । इस मंदिर में कई खंभे बने हुए है। यहां आने के लिए तीन प्रवेश द्वार है। मंदिर की दीवारों पर नटराज भगवान की नृत्य करते हुए चित्र लगे है। गुफा के दोनो ओर एक - एक खुले मंदिर स्थित है जिनमें भगवान नटराज की नृत्य करती हुई मूर्ति लगी है।