आइज़ोल, पूर्वोत्तर भारत के आठ राज्यों में से एक मिज़ोरम की राजधानी है। आइज़ोल एक सुंदर शहर है जो खड़ी पर्वत श्रेणियों, पहाडि़यों और घाटियों के बीच फैला हुआ है। सदियों पुराना यह शहर समुद्रतल से 1132 मी. ऊपर है और उत्तर में दुर्तलैंग की राजसी चोटियों से घिरा हुआ है। कई सालों से यहाँ बहने वाली तलौंग नदी आइज़ोल की सुंदरता को बढ़ाती है। आइज़ोल एक तेज़ी से बढ़ता हुआ शहर है जिसमें अनेक बहुमंजि़ली इमारतें हैं। चूंकि यह मिज़ोरम का सबसे तेज़ी से बढ़ता हुआ शहर है, इसका संरचनात्मक विस्तार आज की प्राथमिक आवश्यकता है।
मिज़ो की भूमि
मिज़ोरम का शाब्दिक अर्थ है मिज़ो की भूमि जबकि मिज़ो का अर्थ है हाइलैंडर्स। देश के सबसे छोटे राज्यों में से एक, मिज़ोरम की अंतराष्ट्रीय सीमाएँ म्यांमार और बांग्लादेश से मिलती हैं जबकि इसकी अंतर-राज्य सीमाएँ असम, त्रिपुरा और मणिपुर से मिलती हैं। 1987 में राज्य घोषित किए जाने से पहले यह एक केंद्र शासित प्रदेश था। ऐसा माना जाता है कि मिज़ो मूल रूप से मंगोलियाई हैं और सदियों से इन पहाडि़यों में रह रहे हैं।
मिज़ो की परंपरा और संस्कृति
परंपरागत रूप से मिज़ो एक कृषि समाज में रहते हैं और इसलिए इनकी अधिकतर सांस्कृतिक प्रथाएँ कटाई और अन्य कृषि पद्धतियों के आसपास घूमती हैं। सदियों से मिज़ो झूम खेती कर रहे हैं जो कि स्लेश एंड बर्न कृषि का एक प्रकार है। मिम कुट और पौल कुट मिज़ो के दो मुख्य फसली त्योहार हैं जो क्रमशः अगस्त-सितंबर और दिसंबर-जनवरी के महीनों में मनाए जाते हैं। मिज़ो विशेषकर चेराव नृत्य(बांस के डंडों का उपयोग करते हुए लयबद्ध नृत्य) के लिए प्रसिद्ध हैं। एक सूक्ष्मदर्शी यात्री के लिए ये सांस्कृतिक पहलू आइज़ोल पर्यटन को रोचक बनाते हैं।
आइज़ोल में और आसपास के पर्यटन स्थल
दुर्ग रूपी शहर, आइज़ोल में कई पर्यटन स्थल हैं। चूंकि, आइज़ोल पर्यटन अभी अपनी प्रारंभिक अवस्था में हो सकता है, लेकिन फिर भी इसके आसपास के इलाकों में अनेक पर्यटन स्थल हैं जो रोमांचक और हैरान कर देने वाले हैं। शहर के पश्चिम में घाटी से नीचे की ओर बहने वाली हरी भरी तलौंग नदी देखे बिना आइज़ोल की यात्रा अधूरी है। तलौंग नदी शहर की पश्चिमी सीमा पर है और तुरियल नदी-घाटी पूर्व में ऐसा ही भव्य चित्र बनाती है।
तामदिल झील पर नाव की सवारी एक प्रमुख आकर्षण है जो कि शहर से बहुत दूर नहीं है। अगर आपको मछली पकड़ने का शौक है तो साइहा में छिमतुईपुई नदी एक बेहतरीन जगह है। 750 फीट की ऊँचाई से गिरने वाला मिज़ोरम का सबसे ऊँचा वनतवांग झरना देखे बिना आइज़ोल की यात्रा अधूरी रहती है। फौंगपुई मिज़ोरम की सबसे ऊँची चोटी है जो आर्किड, रोडोडेंड्रोन और पहाड़ी बकरियों व तितलियों के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है।
आइज़ोल न केवल राज्य की राजधानी है बल्कि यह राज्य के सांस्कृतिक केंद्र के रूप में भी कार्य करता है। मिज़ोरम राज्य संगहालय, सोलोमन मंदिर तथा आइज़ोल की जुड़वा झील-रंगदिल झील आदि कुछ ऐसे पर्यटन स्थल हैं जो आइज़ोल पर्यटन को दिलचस्प बनाते हैं। आइज़ोल के पास एक लोकप्रिय स्थान है, रीक, जो राज्य की राजधानी के पास एक छोटा सा सांस्कृतिक गाँव है। इस गाँव में पर्यटकों को मिज़ो की विशिष्ट झोपडि़याँ देखने को मिलेंगी जबकि इस गाँव के किनारे प्राकृतिक जंगलों और पथरीली चट्टानों से सुसज्जित हैं।
कैसे पहुँचे आइज़ोल
नियमित उड़ानों से आइज़ोल कोलकाता और गुवाहाटी से जुड़ा है जो देश के बाकी हिस्सों से जुड़े हुए हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन सिलचार(शहर से लगभग 184कि.मी. दूर) में है जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग 54 राज्य की राजधानी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है।
आइज़ोल का मौसम
आरामदायक गर्मियों और सर्दियों के साथ आइज़ोल की जलवायु शीतोष्ण ओर सौम्य होती है। गर्मियों में औसत तापमान 20 से 29 डिग्री से. के बीच रहता है जबकि सर्दियों में यह 7 डिग्री से. तक पहुँच जाता है। आइज़ोल में हर साल वार्षिक वर्षा 254 से.मी. तक होती है।