अजमेर राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित है जो राज्य का पाँचवा बड़ा शहर है और राजधानी शहर जयपुर से 135 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पहले इसे अजमेरे या अजयमेरु के नाम से जाना जाता था। यह शहर अरावली श्रेणी के बाजू में स्थित है। देश के सबसे पुराने पहाड़ी किलों में से एक तारागढ़ किला अजमेर शहर की रक्षा करता है।
इस शहर की स्थापना अजयराज सिंह चौहान ने ईसा पश्चात 7 वीं शताब्दी में की थी और चौहान राजवंश ने कई दशकों तक यहाँ राज्य किया, जिनमें से पृथ्वीराज चौहान सबसे अधिक प्रसिद्द शासक था।
इतिहास में अजमेर
ईसा पश्चात 1193 में मोहम्मद गोरी ने अजमेर पर विजय प्राप्त कर ली। हालांकि विजेता को भारी शुल्क देने के बाद चौहान शासकों को शासन करने की अनुमति प्रदान की गई। बाद में 1365 में अजमेर पर मेवाड़ के शासकों ने कब्ज़ा कर लिया जिस पर 1532 में मारवाड़ ने कब्ज़ा किया था।
सन 1553 में हिंदू शासक हेम चन्द्र विक्रमादित्य जिसे हेमू के नाम से जाना जाता था, ने अजमेर पर विजय प्राप्त की; वह 1556 की पानीपत की दूसरी लढाई में मारा गया। सन 1559 में अजमेर मुग़ल बादशाह अकबर के नियंत्रण में आ गया और बाद में 18 वीं शताब्दी में मराठाओं के पास चला गया।
1818 में ब्रिटिशों (अंग्रेज़ों) ने मराठाओं को 50000 रूपये में अजमेर को उन्हें सौंप देने के लिए कहा और इसलिए अजमेर – मेवाड़ प्रांत का एक हिस्सा बन गया। सन 1950 में यह अजमेर राज्य बना जो 1 नवंबर 1956 को राजस्थान राज्य का हिस्सा बना। अजमेर राजधानी शहर जयपुर से 135 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। तारागढ़ किला अजमेर शहर का एक प्रमुख किला है।
शानदार दृश्यों का चित्रीकरण
इसे मुख्य रूप से दरगाह शरीफ़ के लिए जाना जाता है, जो महान सूफ़ी संत ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की कब्र है। तारागढ़ पहाड़ी की तलहटी में स्थित दरगाह शरीफ़ में सभी धर्मों और संप्रदायों के लोग बड़ी संख्या में आते हैं। शहर के उत्तर में एक सुंदर कृत्रिम झील है जिसे अना सागर झील कहा जाता है।
पैवेलियन या बारदारी इस झील को अधिक सुंदर बनाते हैं जिसका निर्माण बादशाह शाहजहाँ ने करवाया था। स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए अना सागर झील पिकनिक के लिए उपयुक्त स्थान है। अजमेर संग्रहालय जो अकबर की अजमेर यात्रा के दौरान उसका निवास हुआ करता था, आज वहाँ 6 वीं और 7 वीं शताब्दी की कई हिंदू मूर्तियाँ हैं। यहाँ पर्यटकों के लिए मुगल और राजपूत राजवंशों की कई मूर्तियों और हथियारों का प्रदर्शन किया गया है।
आधे दिन का झोपड़ा एक मस्जिद है जो कहा जाता है कि केवल ढाई दिन के समय में बनाई गई। यह मस्जिद भारतीय – मुस्लिम वास्तुशैली का एक अच्छा उदाहरण है। अजमेर के अन्य महत्वपूर्ण आकर्षण नासिया (लाल) मंदिर, निम्बार्क पीठ और नारेली जैन मंदिर हैं। मेयो कॉलेज जिसकी स्थापना पहले के अमीर भारतीय लोगों के लिए विशेष रूप से राजपूत लोगों के लिए की गई थी, आज देश के श्रेष्ठ स्कूलों में से एक है।
अजमेर पवित्र शहर पुष्कर के लिए प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है, जो यहाँ से केवल 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पुष्कर ब्रम्हा मंदिर और पुष्कर झील के लिए प्रसिद्द है और यहाँ बड़ी संख्या में पर्यटक आते है।
अजमेर पहुँचना
अजमेर तक वायुमार्ग, रेल या रास्ते द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है। जयपुर में स्थित संगनेर हवाई अड्डा अजमेर का निकटतम हवाई अड्डा है। अजमेर रेलवे स्टेशन निकटतम रेल मुख्यालय है और यहाँ से भारत के सभी प्रमुख शहरों के लिए रेल उपलब्ध हैं। राज्य के अन्य भागों से अजमेर अच्छे सडक नेटवर्क द्वारा जुड़ा हुआ है।
अजमेर की यात्रा करने के लिए उत्तम समय ठंड है क्योंकि साल में इस समय यहाँ का मौसम ठंडा और खुशनुमा होता है।