बाला किला जिसे अलवर किले के नाम से भी जाना जाता है, अलवर शहर में एक पहाड़ी पर स्थित है। इस किले का निर्माण ईसा पश्चात वर्ष 1550 में हसन खान मेवाती ने करवाया था। यह स्मारक अपने चिनाई के माक और भव्य संरचनात्मक डिज़ाइन के लिए प्रसिद्द है।
यहाँ छह प्रमुख द्वार हैं जो इस प्रकार हैं, जय पोल, लक्ष्मण पोल, सूरत पोल, चाँद पोल, अंधेरी द्वार और कृष्णा द्वार जो किले की ओर जाते हैं। किले की संपूर्ण संरचना उत्तर से दक्षिण की ओर 5 किलोमीटर और पूर्व से पश्चिम की ओर 2 किलोमीटर तक फ़ैली हुई है।
इस किले में बंदूकें चलाने के लिए 446 छिद्र हैं। 15 बड़े टॉवर और 51 छोटे टॉवर इस भव्य स्मारक को बनाते हैं। यह किला जो अपनी वास्तुकला के डिज़ाइन के लिए प्रसिद्द है, मुगल काल में बनाया गया था और बाद में इस पर कछवाहा राजपूतों ने कब्ज़ा कर लिया।