अनंतनाग जिला जिसे जम्मू और कश्मीर की व्यापारिक राजधानी कहा जाता है, कश्मीर घाटी के दक्षिणी पश्चिमी भाग में स्थित है। यह क्षेत्र कश्मीर घाटी के विकसित क्षेत्रों में से एक है। ईसा पूर्व 5000 में यह क्षेत्र बाज़ार से भरा शहर बन गया और इसे जल्दी विकसित होने वाले शहर का शीर्षक प्राप्त हुआ। यह शहर विभिन्न शहरों जैसे श्रीनगर, कारगिल, पुलवामा, डोडा और किश्तवाड़ से घिरा हुआ है।
इस जिले का नाम एक लोकप्रिय लोकगीत के आधार पर पड़ा, जिसके अनुसार भगवान शिव ने अमरनाथ की गुफ़ा के रास्ते पर जाते हुए सभी कीमती वस्तुओं का त्याग कर दिया। वह स्थान जहाँ उन्होंने अनेक साँप गिराए उसे अनंतनाग कहा जाता है। वर्तमान में अनंतनाग तीन तहसीलों गुल गुलाब गढ़, डोडा और बुधाल से जुड़ा हुआ है।
अनंतनाग के प्रमुख तीर्थ
यह स्थान अपने अनेक धार्मिक स्थलों के कारण पर्यटकों में लोकप्रिय है, जो हिंदू और मुस्लिम दोनों के लिए धार्मिक महत्व के हैं। अनंतनाग जिले के कुछ प्रमुख धार्मिक स्थलों में हजरत बाबा रेशी, गोस्वामी गुंड आश्रम, शालीग्राम मंदिर, नीला नाग मंदिर, आदि आते हैं। इस क्षेत्र के परिसर में सात मंदिर आते हैं जिसके अंतर्गत हनुमान मंदिर, शिव मंदिर, सीता मंदिर और गणेश मंदिर आते हैं। मंदिरों तथा धार्मिक स्थलों के अलावा पर्यटक यहाँ कई झरनों जैसे सलाग नाग, मलिक नाग और नाग बल भी देख सकते हैं।
अनंतनाग के आस पास के पर्यटक स्थल
अनंतनाग की यात्रा के दौरान पर्यटक मार्तंड सूर्य मंदिर भी देख सकते हैं जो गंतव्य से 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण भगवान सूर्य के सम्मान में राजा ललितादित्य ने करवाया था। इस मंदिर की स्थापत्य कला से कश्मीरी हिंदुओं की कलाकारी प्रदर्शित होती है। वर्तमान में मार्तंड सूर्य मंदिर जीर्ण अवस्था में है। फिर भी पर्यटक बर्फ से ढंके पहाड़ों के बीच खड़े इस मंदिर के अवशेष देख सकते हैं।
इस मंदिर के अलावा पर्यटक 15 वीं शताब्दी में बने शेख जेनुद्दीन के ऐश्मुक़म धार्मिक स्थल को भी देख सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि शेख जेनुद्दीन ने अपना पूरा जीवन अल्लाह को समर्पित कर दिया। उन्होंने स्वयं को गुफ़ा तक सीमित कर लिया और लोगों को अल्लाह के बारे में उपदेश दिए।
यदि आपके पास समय हो तो आप धार्मिक स्थल जैसे मस्ज़िद सैयद शब, नाघबल, खीरभवानी अस्थापन और ऐश्मुक़म का भ्रमण भी कर सकते हैं। जान बिशप मेमोरियल हॉस्पीटल के मैदान में बना छोटा सा प्रार्थनालय पवित्र स्थानों में से एक है। सन 1982 में इस चर्च की स्थापना प्रोटेस्टेंट ईसाईयों और ईसाई अधिकारियों के लिए की गई थी जो स्वयं के लिए एक प्रार्थना मैदान चाहते थे। इस प्रार्थनालय ने इस क्षेत्र में तथा इसके आस पास के क्षेत्रों में रहने वाले ईसाईयों की भलाई का काम किया।
कैसे जाएं अनंतनाग
वे पर्यटक जो अनंतनाग की यात्रा करना चाहते हैं वे इस स्थान तक पर्यटन के सभी साधनों द्वारा पहुँच सकते हैं। श्रीनगर हवाई अड्डा सबसे निकटतम हवाई अड्डा है, जो अनंतनाग से लगभग 62 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह हवाई अड्डा जिसे शेख उल् आलम हवाई अड्डा भी कहा जाता है, विभिन्न शहरों जैसे नई दिल्ली और जम्मू से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। भारत की राजधानी पहुँचने वाले विदेशी श्रीनगर के लिए जुड़ी हुई फ्लाईट (उड़ान) ले सकते हैं। श्रीनगर हवाई अड्डे से अनंतनाग शहर के लिए टैक्सी सेवा भी उपलब्ध है।
अनंतनाग जिले तक रेल द्वारा भी पहुँचा जा सकता है क्योंकि यह रेलवे स्टेशन जम्मू और कश्मीर के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से जुड़ा हुआ है। पर्यटकों को यह सलाह दी जाती है कि वे अन्य प्रमुख शहरों से रेल द्वारा जम्मू तवी स्टेशन तक पहुँच सकते हैं जो अनंतनाग से 247 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रास्ते द्वारा अनंतनाग पहुँचने के लिए पर्यटक स्वयं की कार या किराये की निजी टैक्सी का उपयोग कर सकते हैं। वे पर्यटक जो रास्ते द्वारा इस स्थान तक पहुँचना चाहते हैं उनके लिए राज्य संचालित बसें एक अन्य विकल्प है।
अनंतनाग जाने का सबसे अच्छा समय
पर्यटकों को यह सलाह दी जाती है कि वे इस स्थान की सैर वसंत और गर्मियों के मौसम में करें।