हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित अरकी एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। इस जिले का यह छोटा शहर लोगों को इस क्षेत्र के सबसे आकर्षक पर्यटन स्थलों में से कुछ की यात्रा करने का अवसर प्रदान करता है। ऐतिहासिक रूप से यह शहर प्राचीन पर्वतीय राज्य बाघल की राजधानी था, जिसकी स्थापना राजा अजयदेव ने 1660-1665 के दौरान की थी।
शिमला से 52 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अरकी में अभी भी कुछ स्मारक हैं, जो पूर्व राजाओं की राजसी विरासत को प्रदर्शित करते हैं। अरकी में कई मंदिर हैं, जो देश के सभी भागों से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इनमें लुतुरु महादेव मंदिर, दुर्गा मंदिर और शाखनी महादेव मंदिर प्रमुख हैं।
अरकी से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लुतुरु महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। शक्ति पीठ के रूप में जाने जाने वाले इस मंदिर का निर्माण 1621 में बाघल के राजा ने किया था। अरकी की यात्रा करने वाले यात्री दुर्गा मंदिर भी देख सकते हैं, जो वास्तुकला की शिखर शैली के लिये जाना जाता है।
दूसरी ओर शाखनी महादेव मंदिर ऊँचाई पर स्थित होने के कारण आसपास का मनोरम दृश्य दिखाता है। अर्की फोर्ट (किला) और अरकी पैलेस (महल) जो प्रगतिशील बाघल साम्राज्य की विरासत का प्रतिनिधित्व करते हैं, इस शहर के उल्लेखनीय स्थलों में से हैं।
इस किले का निर्माण राणा पृथ्वी सिंह ने 1695 और 1700 के बीच किया था और यह किला राजपूत और मुगल वास्तुकला की शैलियों के बीच संलयन का प्रतिनिधित्व करता है। यह पर्यटकों को पहाड़ी शैली में दीवारों पर बने चित्र देखने का अवसर प्रदान करता है, जिनमें पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की जीवनशैली दर्शाई गई है। राणा पृथ्वी सिंह द्वारा 18 वीं शताब्दी में बनाया गया अरकी महल पश्चिमी हिमालय में स्थित है और वास्तुकला की कलाम शैली को प्रदर्शित करता है।
भाखलग, दीवान–ए–ख़ास, कुनिहार और लक्ष्मीनारायण मंदिर अरकी के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल है। पर्यटक परिवहन के विभिन्न साधनों जैसे रास्ते, वायुमार्ग और रेल द्वारा इस स्थान तक पहुँच सकते हैं। पर्यटक यहाँ की यात्रा साल में कभी भी कर सकते हैं क्योंकि सभी मौसम में यहाँ की जलवायु सुखद होती है।