बादामी की यात्रा करने वाले पर्यटकों को बलुआ पत्थर से बने गुफा मंदिरों की सैर अवश्य करनी चाहिए। ये मंदिर अपनी सुंदर नक्काशियों के लिए जाने जाते हैं तथा इन नक्काशियों में पौराणिक तथा धार्मिक घटनाएं और शिक्षा दिखाई गई है। यहाँ चार मंदिर हैं जिनमें से गुफा मंदिर 1 सबसे प्राचीन मंदिर है जिसका निर्माण 5 वीं शताब्दी में हुआ था।
इस मंदिर में भगवान शिव के अर्धनारीश्वर और हरिहर अवतार की नक्काशियां की गई हैं तथा साथ ही साथ भगवान शिव का तांडव नृत्य करते हुए नटराज अवतार की भी नक्काशी है। दाहिनी ओर भगवान शिव का हरिहर अवतार है तथा बाईं ओर भगवान विष्णु का अवतार हैं।
इस गुफा मंदिर की सैर करने वाले पर्यटक महिषासुरमर्दिनी तथा गणपति, शिवलिंगम और शन्मुख की मूर्तियाँ भी देख सकते हैं। गुफा मंदिर 2 भगवान विष्णु को समर्पित है जो वराह तथा त्रिविक्रम अवतार में यहाँ स्थापित हैं। इस मंदिर की छत पर पुराणों के दृश्य दिखाए गए हैं जिनमें भगवान विष्णु का गरुड़ अवतार दिखाया गया है।
100 फुट गहरा गुफा मंदिर 3 में भगवान विष्णु त्रिविक्रम और नरसिंह अवतार दिखाए गए हैं। इसके अलावा पर्यटक यहाँ के भित्ति चित्रों में भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह समारोह का वर्णन भी देख सकते हैं। गुफा मंदिर 4 जैन धर्म को समर्पित है जहाँ भगवान महावीर का बैठी अवस्था में एक चित्र है तथा साथ ही साथ तीर्थंकर पार्श्वनाथ का चित्र भी हैं।