रानीपुर - झारीयल, बलांगीर से 104 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह दो प्राचीन गांव है। रानीपुर वह गांव है जहां पटनागढ़ की रानी निवास करती थी और झारीयल एक किला है। इस स्थान का धार्मिक महत्व भी है। यहां सभी धर्मो को एक समान माना जाता है। शैव, वैष्णव, बौद्ध और तांत्रिक सभी की यहां आराधना होती है। यहां बहने वाली टॉन्ग नदी को टॉन्ग जॉर के रूप में जाना जाता है।
ऐतिहासिक स्थल जैसे - पटनागढ़, मारागुदा, असुरगृह, नरसिंहनाथ, संताला आदि रानीपुर - झारीयल, बलांगीर में स्थित है। यहां कई मंदिर, दक्षिण कौशल राजा की अवधि के भी पाएं जाते है। यह मंदिर लगभग 8 वीं और 9 वीं सदी के बने हुए है। इतिहासकारों के अनुसार, इस क्षेत्र में लगभग 200 मंदिर थे जो आधा मील में बने हुए थे।
यहां के बने हुए मंदिरों की छतों को हायपाथेरल मंदिर कहा जाता है। एक मंदिर में 64 योगिनी भी बनी हुई है। यहां का अन्य प्रमुख आकर्षण, सोमेश्वर शिवा मंदिर है जिसका निर्माण मट्टममायुरा शैवचार्य गगाना शिव के द्वारा किया गया था। इस स्थान पर इंद्रलत मंदिर भी बना है जो लंबी ईटों से निर्मित है।