बांधवगढ़ म्यूजियम में इस जगह की गौरवशाली अतीत की झलक देखी जा सकती है। इसमें रीवा के महाराजा से जुड़ी चीजों को सुरक्षित रखा गया है। बांधवगढ़ का बघेल म्यूजियम दरअसल शाही महल है। इसमें रीवा के महाराज के साजो-सामान और उनसे जुड़ी दूसरी चीजों को प्रदर्शनी के लिए सुरक्षित रखा गया है। इस म्यूजियम में पहले सफेद बाघ का भरा हुआ शरीर भी प्रदर्शनी के लिए रखा गया है। इसका नाम मोहन है और यह रीवा के महाराज को मिला था।
म्यूजियम में उन प्राचीन अस्त्रों को भी रखा गया है, जिसका इस्तेमाल महाराजा शिकार के लिए करते थे। ऐसा नहीं है कि यहां पर्यटक सिर्फ और सिर्फ बांधवगढ़ के जंगल की जिंदगी देखने आते हैं। उनका मकसद शाही रहन-सहन को जानना और उसे करीब से महसूस करना भी होता है। यहां आने का सबसे अच्छा समय नवंबर से जून का होता है।