बांदीपुर नेशनल पार्क (बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान), बांदीपुर के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। यह स्थान प्रकृति प्रेमियों के साथ साथ रोमांच प्रेमियों के लिए भी एक आदर्श स्थान है। 800 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले हुए इस पार्क (उद्यान) में प्रचुर मात्रा में सुंदर, गहरा और घना जंगल है। 1931 में मैसूर के महाराजा ने इस पार्क (उद्यान) की स्थापना की थी, जो उस समय 90 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में था। 1941 में इस पार्क(उद्यान) का नाम वेनुगोपाला वन्यजीवन उद्यान रखा गया जो उस क्षेत्र के प्रमुख देवता के नाम पर आधारित था। पार्क के सभी कोनों से पर्यटक सुंदर दृश्यों का आनंद ले सकते है क्योंकि यह नागुर, कबिनी और मोयर नदियों से घिरा हुआ है। यह पार्क(उद्यान) कई जानवरों जैसे बाघ, चार सींगों वाला हिरण, विशाल गिलहरी, हाथी, हार्नबिल, जंगली कुत्ते, चीता, निष्क्रिय भालू, और गौर को प्राकृतिक आवास प्रदान करता है। जानवरों के साथ साथ यहाँ कुछ दुर्लभ प्रजाति के पक्षी भी पाए जाते हैं जिसके अंतर्गत प्रवासी और निवासी पक्षी आते हैं। पार्क में भूरे बाज़ उल्लू, ट्रोगोंस, ग्रे जंगल पक्षी, ड्रोंगो बे उल्लू, बुनकर पक्षी(बया), कठफोड़वा, किंगफिशर, सामान्य गाने वाले पक्षी और मक्खी आदि को देखा जा सकता है। इस उद्यान में कुछ दुर्लभ प्रजाति की वनस्पतियां जैसे सागौन, आँवला, बाँस और सित्सल भी पाई जाती हैं । पर्यटक सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक उद्यान की यात्रा कर सकते हैं। भारतीयों के लिए शुल्क 25 रूपये और विदेशियों के लिए शुल्क 150 रूपये है।