कब्बन पार्क को मूल रूप से 1870 में बनवाया गया था। यह बेंगलुरु का प्रमुख लैंडमार्क होने के साथ-साथ शहर के प्रशासनिक क्षेत्र में आता है। एमजी रोड और कस्तुरबा रोड से यहां असानी से पहुंचा जा सकता है। पहले यह पार्क सिर्फ 100 एकड़ में फैला था। हालांकि बाद में इसे करीब 300 एकड़ में फैला दिया गया। यहां आप वनस्पति और जीव-जंतु का बेहतीन संकलन देखने को मिलता है।
पहले इसे मेडे पार्क के नाम से जाना जाता था। तत्कालीन शासक को श्रद्धांजली देने के लिए जब सिल्वर जुबली मनाया गया तो इस पार्क का नाम बदलकर चारमाराजेन्द्र पार्क रखा गया। पार्क में घने बांस के पेड़ और दूसरे खूबसूरत पौधों के बीच एक बड़ा सा दायरा है, जिसे कर्नाटक सरकार के बागवानी विभाग द्वारा नियंत्रिण किया जाता है।
इस पार्क में आप सुबह टहलने वालों, प्रकृतिवादी और शांत वातावरण में प्रकृति का अध्ययन करने वालों को देख सकते हैं। पार्क में 68 प्रकार की विदेशी वनस्पति और करीब 96 प्रजाति पाई जाती हैं। यहां कुल 6000 पेड़-पौधे हैं। पार्क में अट्टारा कचरी हाई कोर्ट, म्यूजियम और सेशाद्री मेमोरियल हॉल भी है। पार्क में घूमने के लिए समय की कोई पाबंदी नहीं है और यह लोगों के लिए हमेशा खुला रहता है। हलांकि पार्क की सड़कें सुबह 5 बजे से 8 बजे तक बंद रहती हैं।