इस मंदिर को होयसल शासन के दौरान शांतला देवी के द्वारा स्थापित किया गया था। यह मंदिर वीर नारायण मंदिर के परिसर में ही स्थित है। पर्यटक यहां आकर मंदिर की आंतरिक संरचना को देख सकते है जो काफी सुंदर और अलग है। पास में ही स्थित वीर नारायण, सौम्यानायाकी और रंगानायाकी मंदिरों में भी दर्शन करने की सलाह पर्यटकों को दी जाती है।