इस शहर को ब्रह्मपुर नाम ब्रिटिश उपनिवेशवादियों द्वारा दिया गया है। हाल ही में इस शहर के नाम को बदल कर ब्रह्मपुर कर दिया गया है जो इस शहर के मूल नाम में संस्कृत भाषा के प्रभाव को दर्शाता है। सारी पुरानी आदतों की तरह, इस शहर के नाम को भी भारतीय रुप देने के प्रयास स्पष्ट हैं, लेकिन कुछ अगाध कारणों के लिए यह आज भी ब्रह्मपुर के नाम से जाना जाता है। इस नाम का शाब्दिक अनुवाद भगवान ब्रह्मा के निवास स्थान के रुप में होता है। अनगिनत मंदिर और स्थानीय लोगों का धार्मिक झुकाव वर्तमान दिन में शहर के नामकरण को उचित ठहराते हैं। ब्रह्मपुर में धार्मिक पर्यटन, राज्य की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान देता है।
ब्रह्मपुर: रेशम का शहर
उड़ीसा के गंजम जिले में स्थित ब्रह्मपुर, का उपनाम रेशम का शहर है। ब्रह्मपुर उड़ीसा के सबसे बड़े और सबसे पुराने शहरों में से एक है। इसकी सांस्कृतिक पृष्ठभूमि जो आज एक अनूठे अनुभव का सृजन करती है, इसका श्रेय इसके अतीत को जाता है। ब्रह्मपुर पत्ता कही जाने वाली जटिल रेशमी साड़ी एक स्मारिका है जोकि अनोखी है तथा कई प्रभावों की यादों को ताजा करती है जो आज इस शहर को बनाते हैं। हथकरघा और गहने के शोरूम इस शहर के परिदृश्यों का मुख्य आकर्षण हैं।
ब्रह्मपुर: अन्य समुद्री तटों से अलग स्थान
ब्रह्मपुर, अपने समुद्र तट के प्रेमियों को कभी ना प्राप्त हुए एकांत स्थान को प्रदान करता है। देखने और सुनने में पुराने सूरज, रेत और लहरों से बहुत अधिक शामिल है। ब्रह्मपुर के मंदिर, संस्कृति, पाक शैली और थिएटर सारे अनूठे हैं तथा ये इस छुट्टियों को बिताने का स्थान बनाते हैं जो समुद्र के तट पर बिताए गए कुछ दिनों की सीमा से अधिक होंगे। ब्रह्मपुर में पर्यटन का एक बहुमुखी अस्तित्व है तथा हर व्यक्ति के सपनों को एक छोटी सी सैरगाह प्रदान करता है।
ब्रह्मपुर और उसके आसपास के पर्यटक स्थल
व्यापक प्रकृति तथा इस क्षेत्र के और इसके आसपास के स्थानों के कारण ब्रह्मपुर में पर्यटन फल-फूल रहा है। ब्रह्मपुर में और इसके आसपास स्थित कई मंदिर इस शहर को सच में मंदिरों का शहर बनाते हैं। बंकेश्वरी, कुलाड़, नारायणी मंदिर, महेंद्रगिरि, मां बुधी ठाकुरानी मंदिर, तारातरणि मंदिर, बुगुड़ बिरांचिनारायम मंदिर, बालकुमारी मंदिर और मंत्रिदि सिद्ध भैरवी मंदिर इस क्षेत्र के कुछ प्रसिद्ध मंदिर हैं। तप्तापानी एक गर्म पानी का स्रोत है जिसमें यात्री डुबकी लगा सकते हैं तथा पृथ्वी के आन्तरक से निकलती गर्मी को अनुभव कर सकते हैं। आर्यपल्ली तट समुद्री फुवारे का एक प्राचीन नखलिस्तान और गर्म हवा के अंतहीन दिन से भरा है। यह ब्रह्मपुर से 30 किमी दूर स्थित है।
ब्रह्मपुर की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय
अक्टूबर से लेकर जून महीने तक का समय ब्रह्मपुर की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय है और तब मौसम भी सुखद बना रहता है।
कैसे पहुंचें ब्रह्मपुर
ब्रह्मपुर भारत के प्रमुख शहरों से सड़क, हवाई या रेल मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। भुवनेश्वर हवाई अड्डा ब्रह्मपुर का निकटतम हवाई अड्डा है और ब्रह्मपुर से रेल और सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा है।