भद्रा एक ऐसा क्षेत्र है जो मुख्य रुप से भद्रा वन्यजीव अभयारण्य के लिए प्रसिद्ध है, और यह कर्नाटक के चिकमंगलूर जिले में स्थित है। पश्चिमी घाटों में स्थित, यह वन्यजीव अभयारण्य हाल ही में बाघ परियोजना का हिस्सा बना और आज एक बाघ संरक्षित क्षेत्र बन गया है।
पश्चिमी घाटों के हरे-भरे जंगलों के बीच स्थित इस भद्रा वन्यजीव अभयारण्य को 1958 में स्थापित किए गए जगारा घाटी खेल रिजर्व से बनाया गया है। आगे चलकर, यह संरक्षित क्षेत्र एक वन्यजीव अभयारण्य बन गया और इसे भद्रा वन्यजीव अभयारण्य का नाम दिया गया और साथ ही इस संरक्षित क्षेत्र को भी विस्तृत किया गया।
यह 492 वर्ग किलोमीटर के कुल क्षेत्र में फैला है और चिकमगलूर शहर से 38 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह बंगलौर शहर से 282 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
वन्यजीवों के साथ एक मुलाकात - भद्रा के पर्यटन स्थल
यह पर्णपाती वन, पौधों की कई प्रजातियों का तथा पशुओं का निवास स्थान है। यहां पौधों की 120 से भी अधिक प्रजातियां मौजूद हैं जिसमें सागौन, शीशम, बांस और कटहल जैसे पेड़ों की कई किस्में शामिल हैं क्योंकि यहां का पारिस्थितिकी तंत्र विभिन्न जीवों को सहारा देता है। आप यहां सांभर, चीतल और काकड़ जैसे विभिन्न प्रकार के हिरणों की प्रजातियों को देख पाएंगे।
इस जंगल में गौर, लंगूर, मकाक, सलेंडर लौरिस, मालाबार की विशाल गिलहरी और हाथी भी वास करते हैं। शुक्र है कि इन विभिन्न किस्मों के शाकाहारियों के साथ यहां तेंदुआ, जंगली कुत्ता और बाघ जैसे शिकारी भी रहते हैं। इस रिजर्व में आप सियार, भालू और जंगली सुअर को भी देख सकते हैं और यह स्थान नेवला, ऊदबिलाव और तेंदुआ बिल्ली जैसे छोटे मांसाहारी जानवरों का भी घर है।
भद्रा का क्षेत्र बाघ परियोजना का एक हिस्सा बन और 1998 में एक बाघ अभयारण्य के रूप में घोषित किया गया। 250 से अधिक पक्षियों की प्रजातियों का यह स्थान पक्षी प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है। यहां तोते, कबूतर, तीतर, जंगली मुर्गी, बटेर, पन्ना कबूतर, तोता, मैना और कठफोड़वा जैसे कुछ पक्षी पाए जा सकते हैं।
अगर आप रेंगनेवाले जन्तुओं के शौकीन हैं,(जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा है), तो आप यहां किंग कोबरा, रसेल वाइपर, साधारण कोबरा, धामिन, पिट वाइपर, भारतीय गोह, मगरमच्छ जैसे सांप से लेकर मगरमच्छ की कई प्रजातियों के जन्तुओं को देख सकते हैं। भद्रा का रिज़र्व तितली की कई विदेशी प्रजातियों का भी निवास स्थान है।
फिर आप कर सकते हैं
यहां का वन विभाग सैलानियों के लिए ट्रेकिंग, कैंपिंग, रॉक क्लाइम्बिंग, नौका विहार और पक्षियों को देखने जैसे क्रियाकलापों का आयोजन करता है। भद्रा की यात्रा आपको आपके जीवन का सबसे यादगार अनुभव प्रदान कर सकती है क्योंकि भद्रा अपने वन्यजीवों से समृद्ध होने के साथ-साथ एक खूबसूरत स्थान भी है।
वन के बीच बहती भद्रा नदी की सहायक नदियां, भद्रा जलाशय के ऊपर बना बांध तथा इसके चारों ओर स्थित हेब्बेगिरी, गंगेगिरी, मुल्लयनगरी, बाबा बुड़नगिरी नामक पर्वतें इसे एक अद्भुत प्राकृतिक स्थान बनाते हैं।