वेलावदार राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1976 में की गई थी, जो सौराष्ट्र के भाल क्षेत्र में गुजरात के भावनगर जिले में स्थित है। यह पूर्व में शिकार के प्रयोजनों के लिए इस्तेमाल किया गया था जो भावनगर के महाराजा की निजी चरागाह था। काले हिरण राष्ट्रीय...
तख्तेश्वर मंदिर गुजरात में भावनगर के केंद्र में स्थित हैं। जिस पहाड़ी पर मंदिर बना हुआ है, वहां से पूरा शहर देखा जा सकता है। मंदिर का निर्माण 1893 में हुआ था और इसका नाम संरक्षक तख्तसिंह जी के नाम पर पड़ा।
सुरम्य गंगाजलिया झील भावनगर के दिल में स्थित है। यह पहले एक सूखा कूड़ा खाना था, जिसे बाद में नगर निगम द्वारा पुनर्निर्मित किया गया था। इसमें एक जॉगर्स पाक है और यहां स्पीकर लगे हैं, जिससे झील के किनारे टहलना कानों के लिये भी सुखद हो जाता है।
तालाजी नगर, शत्रुनई और तालाजी नदियों के संगम पर एक छोटी पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। पहाडि़यों के भीतर नक्काशीदार बौद्ध गुफाएं या मठ हैं जो हजारों साल पहले बनाएं गये थे। पहाड़ी पर चढ़ने लायक है, क्योंकि यहां पहाड़ी के शीर्ष पर आप भव्यता से बनाया गया जैन मंदिर...
गांधी स्मृति महात्मा गांधी की एक स्मारक के रूप में खड़ा है। इमारत 1955 में स्थापित की गई थी, और यहां महात्मा गांधी द्वारा इस्तेमाल की गई किताबें और अन्य वस्तुओं का एक बड़ा संग्रह है। पुस्तकालय तस्वीरों के माध्यम से गांधी जी के जीवन की विभिन्न घटनाओं को दर्शाता है।...
गुजरात के भावनगर जिले में सिहोर शहर में स्थित ब्रह्म कुंड (ब्रह्मा कुंट के रूप में जाना जाता है), हिंदू देवी देवताओं की कई मूर्तियों वाला एक सीढ़ी नुमा टैंक है। कुंड (सीढ़ी नुमा टैंक) एक महान ऐतिहासिक महत्व रखता है। ऐसा माना जाता है , कि ब्रह्मा कुंड का पानी वह पानी...
बार्टन पुस्तकालय गुजरात के सबसे पुराने पुस्तकालयों में से एक है। पुस्तकालय की डिजाइन एक सड़क जंक्शन के लिए किया गया था। दो मंजिला पुस्तकालय 1895 में बनाया गया था। इसके दो भाग हैं और एक केंद्रीय टावर है और इसका निर्माण चौकोर पत्थर से किया गया है। इसमें गोथिक...
सुंदर समुद्र तट महुवा बीच गुजरात के भावनगर जिले में भवानी मंदिर के पास स्थित है। समुद्र तट अपनी शांति और प्राकृतिक भव्यता के लिये जाना जाता है, जो यहां आने वाले प्रकृति प्रेमियों को अलग सा सुकून प्रदान करता है।
गंगा देवी मंदिर, नाम से ही लगता है कि यह मंदिर गंगा देवी को समर्पित है। इस मंदिर पर छतरी, मंडप और एक पुल है, ये सब सफेद संगमरमर का बना है। गंगा देवी मंदिर वर्ष 1893 में बनवाया गया था।
गौरीशंकर झील और विक्टोरिया वन भूमि के 381 हेक्टेयर में फैला हुआ है, जिसे बोर तलाव भी कहते हैं, दीवान श्री गौरीशंकर ओझा को समर्पित है। झील 1872 में बनाया गया था और यह पीने के पानी के लिए एक जलाशय के रूप में कार्य करता था।
यह भी शहर में सबसे पसंदीदा पर्यटन...
पालिताना मंदिर जैनियों के सबसे पवित्र तीर्थ स्थान के रूप में माना जाता है। ये शत्रुंजय पहाड़ियों की चोटी पर स्थित 3000 से अधिक मंदिरों का एक समूह है, जो विशेष तौर पर संगमरमर में खुदे हुए हैं। पहाड़ी की चोटी पर मुख्य मंदिर 1 तीर्थंकर भगवान आदिनाथ (ऋषिदेवा) को...
खोदियार मंदिर भावनगर में खोदियार झील के तट पर स्थित है। मंदिर अपने सिद्ध देवता, खोदियार मां को समर्पित है और 1911 में बनाया गया था। मंदिर में अक्सर आसपास के इलाकों से पर्यटक आते हैं।
घोघा समुद्र तट भावनगर से करीब 20 किमी दूरी पर स्थित है। यह स्थानीय यात्रा के लिए एक पसंदीदा जगह के रूप में माना जाता है।
नीलमबाग/ नीलमबाग महल शाही परिवार के सदस्यों का वर्तमान निवास है। यह महल शहर की एक मात्र पांच सितारा ऐतिहासिक संपत्ति है, जिसके मालिक शाही परिवार है। महल 10 एकड़ के एक भूखंड में वर्ष 1859 ई. में बनाया गया था। एक जर्मन वास्तुकार द्वारा डिजाइन किये गये इस महल में...
पीरम बेट गुजरात के भावनगर जिले में घोघा से 6 किमी दूर स्थित एक द्वीप है। द्वीप करीब 35 लाख साल पहले बनाया गया था और यह कई लुप्तप्राय प्रजातियों समेत जीवन के विविध रूपों के लिए जाना जाता है। यहां पर कई पुरानी गुफाएं और 1325 में बनाये गये किले के अवशेष भी।