भीमाशंकर मंदिर, भीमाशंकर गाँव में स्थित है जिसे पवित्र ज्योतिर्लिंग के नाम से भी जाना जाता है और भगवा शिव को समर्पित है। नाना फड़नवीस द्वारा बनवाया गया यह मंदिर महाराष्ट्र के पाँच ज्योतिर्लिंगों के समूह तथा देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में से है।
किवदंती है कि जब भगवान शिव सह्याद्री में रहे थे तो उन्होंने भीमा का रूप लेकर राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था। ऐसा कहा जाता है कि युद्ध के बाद भगवान शिव के पसीने से ही पवित्र भीमा नदी बनी। इस पवित्र ज्योतिर्लिंग की वास्तुकला नगर शैली की है।
यहाँ अनेक पांडुलिपियाँ हैं जो 13 वीं शताब्दी की हैं। इस परिसर में एक छोटा सा शनि मंदिर भी है जिसके बाजू में बड़ी घंटी है जो वास्तुकला की हेमान्द्पथी शैली को दर्शाती है।
यह धार्मिक स्थान न केवल उपासकों और भक्तों में प्रसिद्द है बल्कि पक्षी प्रेमियों और ट्रेकर्स के बीच भी प्रसिद्द है। इस मंदिर के परिसर में महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर बहुत भीड़ होती है।