यदि आप कच्छ संग्रहालय या भुज के राम धुन मंदिर के पास हैं, तो कुछ कदम आगे बढ़ कर इस बावड़ी तक आ सकते हैं। बहुत अच्छा होगा यदि आप राम धुन से करीब इस जगह पर कुछ मिनट बितायें, तो आपको रामायण के पात्रों के सुंदर चित्र देखने को मिलेंगे और दीवार के एक साइड पर...
कला प्रेमियों को इस जगह से प्यार हो जायेगा। भुज से 8 किमी आगे एक छोटा सा कस्बा भुजोड़ी एक अनोखा कस्बा है, जहां के ज्यादातर स्थानीय लोग कारीगर हैं। यह कच्छ का टेक्सटाइल हब है, जहां आने वाले लोगों को कई प्रकार के कारीगर, बुनकर और ब्लॉक प्रिंटर्स...
कच्छ लोक कला और शिल्प की एक विस्तृत श्रृंखला के प्रदर्शन के लिये एक केंद्र, भारतीय संस्कृति दर्शन कॉलेज रोड पर स्थित है। सोमवार को छोड़कर सभी दिन जनता के लिए खुला रहने वाले संग्रहालय में गुजरात में दूरदराज के क्षेत्रों से कला की कुछ दुर्लभ अंश हैं, जिनमें...
भुज में हमीरसार झील के उत्तर पूर्वी कोने में स्थित 'दर्पण के हॉल' आइना महल एक अद्भुत इमारत है। 18 वीं शताब्दी के दौरान इसे बनाया गया था और आकर्षक रूप से भारत और यूरोपीय शैली का एक मिश्रित रूप है, जिसकी डिजाइन, महल के सबसे खूबसूरत कलाकृति और चित्रों को राम सिंह मलम...
यह मानव निर्मित झील भुज के मध्य क्षेत्र में स्थित है - जडेजा के शासक राव हमीर के नाम पर है। भुज के लगभग सभी महत्वपूर्ण साइट सीन, जो पूर्वी भाग में स्थित हैं, इस 450 साल पुरानी झील की सीमा के पर घूमते हुए देख सकते हैं। जलाशय के केंद्र पर एक कें रंग-बिरंगा उद्यान...
एक शांत और रहस्यमय जगह, काली पहाड़ियां खावड़ा के उत्तर में 25 किमी दूर स्थित हैं। यह कच्छा का सबसे ऊंचा स्थान भी है, जहां से आप रण के एक सुंदर विहंगम दृश्य देख सकते हैं। वर्तमान में यहाँ एक 400 वर्षीय दत्तात्रेय मंदिर एक पर्यटन आकर्षण है।
...शाही छतरदिस भुज के सबसे शांत केंद्रों में से एक होना चाहिये, भले ही यह शहर के अंदर स्थित है। व्यस्त सड़कों से दूर और उसके आसपास के क्षेत्र में कोई इमारत नहीं है, यहां भुज के शाही परिवार के स्मारक हैं, जिनमें प्रत्येक स्मारक अन्य से ज्यादा...
इस रेगिस्तान अभयारण्य के पूरे क्षेत्र में आश्चर्यजनक दृश्य हैं। इसे वर्ष 1986 में एक अभयारण्य घोषित किया गया, करामाती कच्छ के रेगिस्तानी वन्यजीव अभयारण्य में स्तनधारी वन्य जीव की विशाल विविधता और पक्षियों की दुर्लभ प्रजातियां पायी जाती हैं।
कच्छ के...
किसी संग्रहालय में आप जो देखना चाहते हैं, वो सब कुछ इस संग्रहालय में मिलेगा। चित्रों से लेकर सिक्कों तक, संगीत वाद्ययंत्र से लेकर कलात्मक नक्काशी मूर्तियों तक और प्राचीन लिपि एवं कलाकृतियां यहां देख सकते हैं। गुजरात के सबसे पुराने संग्रहालयों में से एक हमीरसार झील...
भुज से दक्षिण की ओर 22 किलोमीटर दूर केरा है, जहां 'सोलंकी शासकों के युग' का भगवान शिव का एक मंदिर है। मंदिर का एक प्रमुख हिस्सा 1819 में आए भूकंप के दौरान नष्ट हो गया था, वहीं मंदिर का आधा हिस्सा, गर्भगृह और भीतर देवता की मूर्ति अब भी बरकरार हैं। यह कपिलकोट...
भुज में रामकुंड बावड़ी के पास स्थित, स्वामीनारायण मंदिर में एक सुंदर वातावरण है। देश में अन्य स्वामी नारायण मंदिरों की तरह यहां भी पूजा के स्थान के चारों ओर भगवान कृष्ण और राधा की विभिन्न रंगीन लकड़ी की मूर्तियां स्थापित हैं।
भुज में कई रोचक एवं प्रसिद्ध कस्बे हैं, जो हस्तशिल्प और वस्त्रों के गढ़ माने जाते हैं। धमड़का भी उन्हीं में से एक है। यह भुज के पूर्व की ओर लगभग 50 किमी दूरी पर स्थित एक शहर है, यह आकर्षक अजरख ब्लॉक मुद्रण तकनीक में निपुण कारीगरों का एक केंद्र है।
बेहतर होगा यदि आप विभिन्न कारणों के लिए खावड़ा जायें। कच्छ के इस अंतिम गांव से लगभग 30 किमी आगे भारत पाकिस्तान सीमा के पास जा सकते हैं। यह अपने स्थानीय कारीगरों और पुरवा से हस्तशिल्प, चमड़े के उत्पादों और आर्टि वस्त्रों के लिए प्रसिद्ध है और तो और यह...
कच्छ में रणजीत विलास पैलेस का निर्माण 19वीं सदी में पगमलजी द्वितीय द्वारा कराया गया था वे उस समय सिंहासन पर बने हुए थे।