भोरजी का कुंड एक प्रसिद्ध सीढ़ीदार कुआं है जिसका निर्माण सोलहवीं शताब्दी के दौरान हुआ था। कुंड का अर्थ है तालाब। बावड़ियाँ (सीढ़ीदार कुँए) बूंदी में गर्मियों के दौरान सूखा प्रभावित क्षेत्रों में पानी के स्त्रोत की तरह काम करती हैं। भोरजी का कुंड मानसून के मौसम में बहुत अधिक संख्या में पक्षियों को आकर्षित करता है।