चौरासी खंभों की छतरी एक बरामदा है जो 84 खंभों पर स्थित है। इसे राव अनिरुद्ध सिंह ने 1740 में नर्स(परिचारिका) देवा द्वारा की गई सेवाओं के प्रति सम्मान प्रकट करने हेतु बनवाया था। यह संरचना एक ऊँचे चबूतरे पर बनी हुई है जिसमें दो मंजिलें हैं। इस बरामदे को पूजा स्थल एवं एक सम्मान स्मारक के रूप में जाना जाता है।
इस संरचना के स्तंभों पर कई विभिन्न चित्रों की नक्काशी की गई है जो सत्रहवीं शताब्दी के राजपूत राजाओं की जीवन शैली को दर्शाती हैं। इस संरचना के आधार पर कई विभिन्न प्राणियों के चित्र बने हुए हैं जबकि दूसरी मंजिल पर मध्य में एक गोल वलयाकार छत है जिसके कोनों पर चार छोटे गुंबद है।