बादल महल दरवाज़ा वास्तव में एक द्वार की एकैकी संरचना है जो किसी महल में नहीं खुलती। यह ऐतिहासिक दरवाज़ा चंदेरी के केंद्र में जामा मस्जिद के पास स्थित है।
इस दरवाज़े का निर्माण मालवा के राजा महमूद शाह खिलजी ने 15 वीं शताब्दी में करवाया था। इसका निर्माण एक शानदार विजय की याद में करवाया था। बादल महल दरवाज़े की ऊंचाई 100 फुट है। इस संरचना में विस्तृत नक्काशियां और प्रभावशाली रूपांकन हैं। द्वार का ऊपरी भाग धनुषाकार है और इसके दोनों और ऊंची मीनारें हैं।
इस संरचना की विशेषता यह है कि द्वार के धनुषाकार शीर्ष पर एक अंतराल है जिसके बाद एक अन्य मेहराब है जो द्वार के अंत तक जाता है। इस द्वार के निर्माण का उद्देश्य विभिन्न राज्यों से आने वाले अतिथियों और राजाओं का भव्य स्वागत करना था।