सुखना वन्यजीव अभ्यारण्य सुखना झील के उत्तर-पूर्व में स्थित है। ये सुखना लेक कैचमेंट का ही हिस्सा है और इसका निर्माण ली कोरबुसियर ने 1958 में किया था। हलांकि वन्यजीव अभ्यारण्य के रूप में इसे 1998 में विकसित किया गया। शिवालिक पर्वतमाला की तराई में 2600 हेक्टियर में फैला सुखना वन्यजीव अभ्यारण्य जीव-जंतुओं के लिए स्वर्ग की तरह है और यहां स्तनपाई, कीड़े-मकोड़े व सरीसृप की कई प्रजातियां पाई जाती है।
इतना ही नहीं, इस अभ्यारण्य में दिसंबर से फरवरी के बीच आने वाले प्रवासी पक्षियों के अलावा 150 किस्म की पक्षियां भी पाई जाती है। अभ्यारण्य के खूबसूरत वनस्पतियों में झाड़ियां, हर्ब, घास, लताएं और सदाबहार वृक्ष शामिल हैं, जो इसे वन्य जीवों के रहने की एक आदर्श जगह बना देता है।