चिल्का भारत में सबसे बड़े तटीय लैगून, चिल्का झील के लिए प्रसिद्ध है। इसे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी झील होने का गौरव हासिल है। चिल्का पर लैगून होने के कारण यह ओडिशा के लोकप्रिय पर्यटन स्थानों में से एक है। राजधानी भुवनेश्वर से 81कि.मी. दूर स्थित चिल्का जि़ला गंजम, खुर्द और पुरी की सीमा पर स्थित है।
चिल्का- इतिहास पर एक नज़र
एक भौगोलिक सर्वेक्षण से यह पुष्टि हुई है कि प्लेस्टोसीन अवधि के अंत के दौरान चिल्का बंगानल की खाड़ी का हिस्सा हुआ करता था। भारत के इतहास में इस जगह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। कलिंग वंश के शासनकाल के दौरान, चिल्का एक हलचल भरा वाणिज्यिक केंद्र और प्रमुख बंदरगाह था। टॉलेमी ने भी अपने लेखों में चिल्का झील को एक महत्वपूर्ण बंदरगाह कहा है।
चिल्का में और आसपास के पर्यटन स्थान
चिल्का में पर्यटन का मुख्य कारण विश्व प्रसिद्ध चिल्का झील है। चिल्का झील के अलावा चिल्का पर्यटन अनेक पर्यटन गतिविधियाँ जैसे नौका विहार, फिशिंग तथा बर्ड वाचिंग और वन्यजीव स्थान देखने को मिलते हैं।
चिल्का - प्रकृति के सान्निध्य में
पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों, जलीय जानवरों तथा सरीसृपों के साथ आप चिल्का पर्यटन की समृद्धि देख सकते हैं। हर साल सर्दियों में पक्षियों की हज़ारों प्रजातियाँ चिल्का झील पर आती हैं। मछलियाँ, कछुए, केंकड़ें, झींगें और मौलक जैसे जलीय जानवर इस झील में रहते हैं। यहाँ लिंइलेस स्किंक और इरावाडी डॉलफिन भी देखी जा सकती हैं।
चिल्का का मौसम
चिल्का की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय सर्दियों के दौरान अक्तूबर और मार्च के महीनों के बीच होता है। इस दौरान यह जगह अनेक प्रवासी पक्षियों के लिए स्वर्ग बन जाती है और हम जानते हें कि ये पक्षी पर्यटन का मुख्य कारण है। इसके अलावा, मौसम भी ठंडा रहता है। दिन के समय तापमान सुखद रहता है।
कैसे पहुँचे चिल्का
हवाई, रेल और सड़क मार्ग से आप चिल्का तक पहुँच सकते हैं। भुवनेश्वर हवाईअड्डा यहाँ कि लिए निकटतम हवाईअड्डा है और निकटतम रेलवे स्टेशन रंभा और बालुगाँव में हैं। पुरी और कटक से आप बसें तथा टैक्सी ले सकते हैं।