चिल्का झील के उत्तरी सिरे में स्थित मंगलाजोड़ी की दलदली भूमि कई प्रवासी पक्षियों, जलीय पक्षियों और उस विशेष जगह के स्थानीय पक्षियों का निवास स्थान है।लैगून के अलावा, यह पक्षी अभयारण्य चिल्का का एक अन्य पर्यटन आकर्षण है। इसे मछुआरों का गाँव भी कहा जाता है। यह प्रभावाशाली अभयारण्य पक्षी प्रेमियों के लिए एक उभरता हुआ केंद्र है। अक्तुबर से मार्च तक यहाँ प्रवासी पक्षी देखे जा सकते हैं।
ये पक्षी इराक, इरान, सर्बिया और हिमालय से आते हैं। इस मौसम के दौरान यहाँ पक्षियों की 135 प्रजातियाँ देखने को मिलती हैं। इस स्थाई गाँव मंगलाजोड़ी में मछुआरों के समुदाय रहते हैं। स्थानीय लोग अपनी आजीविका के लिए जलीय जीवन पर निर्भर करते हैं।
इको-टूरिज़्म के लिए यह एक बेहतरीन स्थान है। यहाँ बोट सफारी की सुविधा उपलब्ध है जो आपको काले पंखों वाले स्टिल्ट, सैंडपाइपर, बैंगनी स्वैंपहैन, ओपन बिल स्टॉर्क और चमकीली आइबिस पक्षियों की एक झलक देखने को मिलती है। यहाँ मछलियों, झींगों, केंकड़ों और अन्य ताज़े समुद्रीभोजन की विविधता को चखा जा सकता है।