यह मंदिर भगवान विष्णु के सम्मान में बनाया गया है जो डलहौजी के सेंट्रल पार्क में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण पत्थर से किया गया है। मंदिर की वास्तुकला सिकारा वास्तुकला है। यहां एक कास्ंय मूर्ति है जिसे छत्रमूर्ति के नाम से मंदिर में जाना जाता है। मंदिर में स्थापित मूर्ति के तीन चेहरे है जो अष्टधातु यानि आठ अलग - अलग धातु से मिलकर बनी हुई है। यहां की हर मूर्ति और चित्र में खास विशेषताएं अवश्य होती हैं।
मंदिर की मूर्ति को काफी आकर्षक ढ़ग से सजाया गया है माता की मूर्ति को कई गहनों और जेवरों से सजाया गया है। अगुंली में अगुंठी, बाजुबंद, हाथों कें कंगन, मुकुट और गले के हार से मूर्ति को जींवत कर दिया गया है। इसके अलावा माता के गले में फूलों का हार और कानों में सुंदर झुमके भी पहनाएं जाते हैं।
11 वीं सदी में मंदिर में केसरिया रंग मंदिर में करवाया गया था जो हिंदू धर्म के भगवानों शिव, ब्रहमा और विष्णु को दर्शाता है। शिकारा वास्तुकला में बने इस मंदिर में भगवान विष्णु की रथ पर सवार मूर्ति लगी है जिसे 6 घोड़ों द्वारा खीचां जा रहा है।