पुरानी मोती दमन किले में स्थित चैपल ऑफ आवर लेडी ऑफ रोजरी को पुर्तगालियों ने 17वीं शताब्दी में बनवाया था। यह दमन के पुराने धार्मिक स्थलों में से एक है। गौथिक स्टाइल का यह भवन एक बड़े से चौकोर पर बना है। इसमें प्रचीन पुर्तगाली निवासियों के कब्र के पत्थर भी देखे जा सकते हैं।
इस चर्च का बाहरी हिस्सा बेहद साधारण है। हालांकि इसके अंदरूनी हिस्से की सुंदरता देखकर कोई भी हैरत में पड़ सकता है। चर्च मुख्य रूप से लकड़ी से बना है, जिसे पुर्तगाल के प्रचीन वास्तुशिल्पीय ग्राफिक्स और रेखा चित्रों से सजाया गया है।
चर्च की दीवार सुनहरे रंग से बने संतों की तस्वीरों से सजा हुआ है। इसके अलावा लकड़ी के पैनल की एक श्रृंखला में जीजस क्राइस्ट और उनके अनुयायियों के चित्र बने हुए हैं। इस चर्च की सबसे बड़ी खासियत इसके भीतरी छत पर की गई कारीगरी है। इसे सुनहरे पंखुड़ियों की मालाओं से सजाया गया है, जो अलग-अलग रंग और शेड में हैं।
ऐसा माना जाता है कि शिवाजी के नेतृत्व में मराठा सेना के क्रोध से बचने के लिए वेदी पर मैरी ऑफ रोजरी की प्रतिमा को पुर्तगालियों ने कृतज्ञता की मुद्रा में स्थापित किया था।