चौसठ खंभा दिल्ली में स्थित एक कब्र है जिसका निर्माण बादशाह अकबर के प्रधानमंत्री अतागा खान के बेटे मिर्ज़ा अज़ीज़ कोका ने स्वयं की कब्र के लिए वर्ष 1623 – 24 के दौरान करवाया था। चौसठ खंभा का नाम उर्दू के दो शब्दों चौसठ और खंभा से पड़ा है जिसका क्रमश: अर्थ है ‘64 स्तंभ’ तथा जिसका निर्माण दिल्ली में जहाँगीर के शासनकाल में हुआ था।
हज़रत निज़ामुद्दीन बस्ती में स्थित चौसठ खंभा एक वर्गाकार संरचना है जो सफ़ेद संगमरमर और 64 स्तंभों से बनाई गई है जो 25 खण्डों को सहारा देते हैं जिनमें से प्रत्येक एक गुंबद को सहारा देता है। ये गुंबद इमारत में अंदर की ओर स्थित हैं जिसकी छत बाहर से सपाट दिखती है।
इस इमारत को विरासत संरचना घोषित किया गया है तथा यह स्मारक निज़ामुद्दीन धार्मिक परिसर का एक हिस्सा है। इस स्मारक के परिसर में अन्य विरासत इमारत जैसे अतागा खान की कब्र, उर्स महल – एक सभा कक्ष और मिर्ज़ा ग़ालिब कब्र – प्रसिद्द उर्दू कवि मिर्ज़ा ग़ालिब की कब्र भी हैं। ग़ालिब की कब्र के पास एक ग़ालिब अकादमी भी है जहाँ उर्दू साहित्य का पुस्तकालय और संग्रहालय हैं जहाँ मिर्ज़ा ग़ालिब के कार्यों, कलाकृतियों और चित्रों का प्रदर्शन किया गया है।