कश्मीरी गेट या कश्मेरे गेट दीवारों वाले दिल्ली शहर में प्रवेश करने के लिए एक दरवाजा है। यह गेट (दरवाज़ा) शाहजहानाबाद शहर (जिसे अब पुरानी दिल्ली कहा जाता है) के उत्तर में स्थित है। इस गेट का निर्माण सैन्य अभियांत्रिक (इंजीनियर) रोबर्ट स्मिथ ने 1835 में करवाया था।
इसका नाम कश्मीरी गेट इसलिए पड़ा क्योंकि यह उस रास्ते का गलियारा था जो रास्ता कश्मीर को जाता है। इस गेट ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में एक मुख्य भूमिका निभाई थी। यही वह स्थान है जहाँ भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों एवं अंग्रेजी सेना के मध्य युद्ध हुआ था अंततः जिसमें भारत ने 1857 में दिल्ली में पुन: सत्ता प्राप्त की।
इस गेट के चारों तरफ का क्षेत्र भी इसी नाम से जाना जाता है। पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन भी इसी क्षेत्र में स्थित है। इस रेलवे स्टेशन के दो प्रवेश द्वार हैं- एक कश्मीरी गेट एवं दूसरा चांदनी चौक । कश्मीरी गेट के पास के अन्य आकर्षण दिल्ली गेट एवं सेंट जेम्स चर्च हैं। कश्मीरी गेट में दिल्ली मेट्रो स्टेशन भी है। इस गेट के चारों तरफ पूरे दिन एक व्यस्त बाज़ार भरा रहता है।