लोधी गार्डेन नई दिल्ली में स्थित एक पार्क है। 90 एकड़ के क्षेत्र में फैला यह भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित है जिसमें लोधी और मुहम्मद शाह की दो महत्वपूर्ण मकबरे शामिल हैं। मकबरों के अलावा बगीचे में बड़ा गुम्बद और शीश गुम्बद भी स्थित है। ये सभी वास्तुकला की अद्भुद संरचनायें 15वीं सदी के लोधी और सैय्यद वंश के शासकों के समय की हैं जो उस समय उत्तरी भारत के ज्यादातर भाग के शासक थे।
लोधी गार्डेन सफ्दरजंग के मकबरे और खान मार्केट के बीच में स्थित दिल्ली में स्वास्थ्य के प्रति सजग लोगों के लिये एक लोकप्रिय स्थान है क्योंकि यह प्रातः और साँय के समय टहलने के लिये आदर्श स्थान है।
स्मारक के अन्दर की एक झलक
सिकन्दर लोधी का मकबरा – सिकन्दर लोधी के इस मकबरे को उनके पुत्र द्वारा सन् 1517 ईस्वी में बनवाया गया था। यह एक मंच पर स्थित साधारण सी चतुर्भुजाकार संरचना है जिसपर बाबर द्वारा इब्राहिम लोधी की हार की गाथा को गुदवाते हुए इसका अंग्रेजों द्वारा जीर्णोद्धार किया गया था।
मुहम्मद शाह का मकबरा – यह लोधी गार्डेन में बनवाया जाने वाला सबसे पहला मकबरा था। इसे सैय्यद वंश के अन्तिम शासक मुहम्मद शाह के सम्मान में सन् 1444 ईस्वी में अलाउद्दीन आलम शाह द्वारा बनवाया गया था।
बड़ा गुम्बद – अपने नाम के अनुसार यह एक बड़ी गुम्बज है और पास में स्थित तीन गुम्बदों वाली मस्जिद के द्वार के रूप में कार्य करती है। गुम्बद और मस्जिद, दोनों को इस जगह के तत्कालीन शासक सिकन्दर लोधी द्वारा सन् 1494 ईस्वी में बनवाया गया था।
शीश गुम्बद – शीश गुम्बद का अर्थ है काँच का गुम्बद। इसके निर्माण में उपयोग की गई चमकदार टाइलों के कारण इसका ये नाम पड़ा। गुम्बद में एक ऐसे परिवार के अवशेष हैं जिनकी पहचान ज्ञात नहीं है। शीश गुम्बद को भी सिकन्दर लोधी के शासनकाल में बनवाया गया था।