लाल किला (लाल किला) प्रसिद्ध किले किले - ए - मोअल्ला का नया नाम हैजो शाहजहानाबाद का केन्द्र बिन्दु होने के अलावा उस समय की राजधानी था। इस किले को 17 वीं सदी के मध्य के दौरान स्थापित किया गया था। किले का निर्माण उस्ताद अहमद द्वारा किया गया था, इस किले का निर्माण 1639 में शुरू हुआ जो 1648 तक जारी रहा। हालांकि, किले का अतिरिक्त काम 19 वीं सदी के मध्य में शुरू किया गया।
यह विशाल किला लाल पत्थर से बनाया गया है जो दुनिया के भव्य महलों में से एक है। यह किला 2.41किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है, और दो किलों का मुख्य द्वार लाहौर गेट और दिल्ली गेट है। लाहौर गेट चट्टा चौक के पास है जो शाही परिवारों के लिए बनवाया गया था।
यह लाल किला वर्तमान में यूनेस्को विश्व विरासत स्थल है। इस खूबसूरत स्मारक में कई अद्भुत संरचनाएं भी मौजूद हैं जिनमें दीवान-ए -आम और दीवान-ए - ख़ास शामिल हैं कहा जाता है की दीवान-ए -आम में राजा आम आदमी की समस्याओं और शिकायतों को सुनते थे ये एक महलनुमा संरचना है जो किसी चमत्कार से कम नहीं है। वहीँ दीवान-ए -खास राजा की अपनी निजी बैठकों और सम्मेलनों के लिए बनवाया गया था मोती मस्जिद किले का एक अन्य आकर्षण है जो पास ही में स्थित है मस्जिद उस समय की निजी मस्जिद थी जिसका निर्माण मुगल सम्राट औरंगजेब द्वारा करवाया गया था।
चट्टा चौक, एक 'कवर बाजार' है जो लाल किले के पास दिल्ली का एक शॉपिंग करने का स्थान। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां उस समय रेशम, आभूषण और अन्य सामान शाही परिवार को बेचा जाता था।
किले में स्थित दीवान-ए -आम में आज भी एक बालकनी मौजूद है जिसमें बैठकर राजा लोगों की शिकायतें सुनते और उनकी समस्याओं को सुलझाते थे।किले में स्थित मोती मस्जिद का एक और आकर्षण है वो है यहाँ का हम्माम (रॉयल स्नान) जो पश्चिम दिशा में है।
मुमताज महल लाल किला, जो वर्तमान में एक संग्रहालय है यहाँ का एक अन्य आकर्षण है, यह महल महलों की पंक्ति के दक्षिणी छोर पर बनाया गया था यहाँ स्थित मुमताज महल उन 6 महलों में से एक है जो सम्राट शाहजहां द्वारा बनवाया गया था।
नक्कार खाना लाल किले में रंग महल का प्रवेश द्वार माना जाता है। इस तीन मंजिला इमारत को बनाने का मुख्य उद्देश्य संगीत था जो उस समय यहाँ दिनभर में 5 बार होता था । इस स्थान को हाथीपोल भी कहा जाता है क्योंकि उस समय आने वाले को हाथी पर से यहीं पर उतारा जाता था । लाल किले में स्थित रंग महल या रंगों का महल यहाँ लाल किले का एक अन्य आकर्षण है । ये वो स्थान है जहाँ सम्राट शाहजहां की रानियाँ और उनकी कनिजें रहती थीं।
हर साल यहाँ स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश के प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहाराया जाता है। साथ ही यहाँ शाम के समय एक ध्वनि और प्रकाश शो का भी आयोजन किया जाता है जो मुगल इतिहास का वर्णन करता है। यहाँ किले का एक और अन्य आकर्षण पुरातात्विक संग्रहालय और भारतीय युद्ध स्मारक संग्रहालय भी है जिसको आप अवश्य देखें।
यह किला सोमवार को छोड़कर हर रोज सुबह 8 से शाम 6 बजे तक खुलता है । किले में पर्यटकों की सुविधाओं के मद्देनज़र गाइड, एक छोटी सी कैंटीन, शौचालय, व्हीलचेयर एक्सेस और पार्किंग की जगह मौजूद है।