देवआर्यनदुर्ग गाँव की यात्रा के लिए आने पर पर्यटकों को भोगनरसिंह स्वामी मंदिर भी ज़रूर आना चाहिए जो पहाड़ी की तलहटी में स्थित है। यह तीर्थस्थल चोल शासनकाल के दौरान बनवाया गया था। यहाँ पहुँचने पर यात्री देवी लक्ष्मी की मूर्ति देख सकते हैं। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार ’भोगनरसिंह’ की प्रतिमा ऋषि दुर्वासा ने स्थापित की थी जिन्हें भगवान शिव का अवतार माना जाता है।
मैसूर के राजाओं के ’पारिवारिक देवता’ को इस मंदिर के ’इष्टदेव’ माना जाता है। हर साल आयोजित होने वाले प्रसिद्ध कार(जथरा) फेस्टिवल के दौरान देशभर से श्रद्धालु भोगनरसिंह स्वामी मंदिर आते हैं।