लांगथराई मंदिर धलाई जिले का सबसे ज्यादा पूजनीय मंदिर है। स्थानीय कोकबोरोक भाषा में भगवान शिव को लांगथराई भी कहा जाता है। यह मंदिर अगरतला से करीब 102 किमी दूर है। ऐसा माना जाता है कि जब भगवान शिव माउंट कैलाश स्थित अपने घर जा रहे थे तो यहां रुके थे।
चूंकि उन्होंने यहां अपने कदम रखे थे, इसलिए यह जगह प्रसिद्ध हो गया। जल्द ही यहां पर एक मंदिर का निर्माण कर दिया गया। आज मंदिर और अगल-बगल की पड़ाही काफी सम्मानित है और हर जगह के लोग लांगथराई मंदिर आते हैं।
‘लांगथारा’ का एक और अर्थ होता है- गहरी घाटी। मंदिर तक जाने वाली सड़क के किनारे यहां का एक स्थानीय फूल खंपी को देखा जा सकता है। पर्यटक न सिर्फ मंदिर में पूजा अर्चना के लिए आते हैं, बल्कि सामान्य लोग भी मंदिर के आसपास के खूबसूतर परिवेश का भ्रमण करने के लिए भी आते हैं। यहां की मनमोहक प्राकृतिक सुंदरता को देख कर ऐसा लगता है कि यह विश्व के व्यवसायीकरण और भागदौड़ से कोसों दूर है।