धर्मस्थल आने वाले पर्यटकों को रत्नागिरी पहाड़ी के पश्चिम में बना धर्मस्थल मंदिर ज़रूर देखना चाहिए। यह मंदिर 500 साल पहले जैन प्रमुख, बिरमन्ना परगड़े द्वारा बनवाया गया था। धर्मस्थल मंदिर में भगवान शिव का स्वर्ण शिवलिंग प्रतिष्ठित है। भगवान शिव के अवतार श्री मंजुनाथेश्वर अनप्पा स्वामी, इस मंदिर के प्रमुख देवता है।
इस तीर्थस्थल में प्रतिष्ठित शिवलिंग, मंगलोर के पास स्थित काद्री से लाया गया था। यहाँ पहुँचने पर पर्यटक नरसिंह सालिग्राम (भगवान विष्णु के अवतारों में से एक ) के भी दर्शन कर सकेंगें जो शिवलिंग के पीछे प्रतिष्ठित है। इस मंदिर के पवित्र गर्भगृह में भगवान महागणपति और देवी अम्मनवरु अथवा पार्वती के मंदिर हैं।
इस मंदिर में चार धर्म देवों (धर्म के रक्षक)- कन्याकुमारी, कालारकाय, कालराहू और कुमारस्वामी के मंदिर और मूर्तियाँ हैं। केरल के दूसरे मंदिरों की ही तरह, धर्मस्थल मंदिर की आंतरिक घेरा लकड़ी से बना हुआ है। इस मंदिर की विशेष बात यह है कि यहाँ की देखरेख जैन प्रशासन करता है और पूजा, माधव कुल के हिंदू पुजारियों द्वारा की जाती है।
धर्मस्थल मंदिर को देखने के लिए भक्त सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक और शाम 6:30 से रात 8:30 तक आ सकते हैं।