गंगेश्वर शब्द का अर्थ भगवान शिव होता है जो अपने बालों में गंगा को समेटे हुए है। भगवान शिव को धरती पर प्रवाहित होने वाली गंगा का स्वामी माना जाता है। गंगेश्वर मंदिर, भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर फादुम नामक गांव में स्थित है जो दीव से तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
यह मूल रूप से एक गुफा मंदिर है जो समुद्र तट पर चट्टानों के बीच स्थित है। इस मंदिर में पांच शिवलिंग है जो स्वंय अरब सागर के पानी से धुलती रहती है। शिवलिंग पर सागर का पानी आना, यहां आने वाले भक्तों के बीच श्रद्धा और भक्ति की भावना और गहरा करता है और उनके बीच मंदिर की मूल्यता को बढ़ाता है। यहां के आध्यात्मिक परिवेश में भक्त मग्न हो जाते है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस मंदिर को पांचों पांडव ने मिलकर बनाया था, जिन्होने अपने निर्वासन के दौरान पूरी दुनिया में इसी हिस्से को चुना था और अपनी दैनिक पूजा के लिए यहां शिवलिंगों को स्थापित किया था। माना जाता है कि यह मंदिर महाभारत के काल का बना हुआ है।
गंगेश्वर मंदिर की प्रेरणादायक और सामरिक स्थिति इस मंदिर के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को बढ़ावा देती है।