गैब सागर झील एक कृत्रिम जल निकाय है जिसका निर्माण महाराज गोपीनाथ (जिन्हें गैपा रावल के नाम से भी जाना जाता था) ने वर्ष 1428 में किया था। इस झील के साथ अनेक कहानियाँ और किवदंतियां जुड़ी हुई हैं। इसका उल्लेख कई ऐतिहासिक दस्तावेजों और साहित्यिक कृतियों में मिलता है। डुंगरपुर के विभिन्न शासकों द्वारा इस झील में कई नवीनीकरण किये गए। इस झील के किनारे कई सुंदर महल और मंदिर हैं।
भगवान श्रीनाथजी को समर्पित एक मंदिर भी गैब सागर झील के किनारे स्थित है। यह मंदिर कई मंदिरों का समूह है जिसमें एक मुख्य मंदिर भी शामिल है। इनमें से एक मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। 'विजय राज राजेश्वर मंदिर‘ डुंगरपुर के वास्तुशिल्पियों की शानदार वास्तुकला का गवाह है।