शेवनाथ नदी के किनारे पर स्थित श्री उवासग्गहरम पार्श्व तीर्थ एक जैन तीर्थ स्थल है। इसे 1995 में बनवाया गया था। इस तीर्थस्थल का सबसे बड़ा आकर्षण एक 30 फीट ऊंचा द्वार है, जिस पर पार्श्वनाथ की एक प्रतिमा लगी हुई है।
यह प्रतिमा चार स्तंभ पर टिकी हुई है, जो कि...
पाटन एक कस्बा होने के साथ-साथ दुर्ग जिले का नगर पंचायत भी है। समुद्र तल से 280 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पाटन की प्राकृतिक सुंदरता देखने लायक है। 2001 की जनगणना के अनुसार इस कस्बे की जनसंख्या 8698 थी। अपने आधुनिक और जनजातिय परंपराओं के मिश्रण के कारण यह कस्बा...
दुर्ग का एक प्रमुख आकर्षण टंडुला बांध सूखा नाला और टंडुला नदी के संगम स्थल पर बना हुआ है। इसका निर्माण कार्य 1912 में पूरा हुआ था। बलोड़ से 5 किमी दूर स्थित टंडुला बांध 827.2 वर्ग किमी में फैला हुआ है और इसकी क्षमता 312.25 क्यूबिक मीटर पानी की है।
चरोड़ा में स्थित देवबलोड़ एक छोटा सा कस्बा है, जो कि भिलाई से 3 किमी दूर है। यह जगह एक प्रचीन शिव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर का इतिहास 5वीं शताब्दी से मिलता है। मंदिर के पास स्थित एक जलाशय से एक रोचक पौराणिक कथा जुड़ी हुई है।
कहा जाता है कि इस...
छत्तीगढ़ का गंगा मय्या मंदिर झालमाला में स्थित है, जो कि भिलाई से करीब 60 किमी दूर है। इस मंदिर से एक रोचक पौराणिक कथा जुड़ी हुई है। इसके अनुसार एक स्थानीय मछवारे के जाल में एक मूर्ति फंसी थी, पर उन्होंने उसे पानी से बाहर नहीं निकाला।
बाद में उस मछवारे के...