शेवनाथ नदी के किनारे पर स्थित श्री उवासग्गहरम पार्श्व तीर्थ एक जैन तीर्थ स्थल है। इसे 1995 में बनवाया गया था। इस तीर्थस्थल का सबसे बड़ा आकर्षण एक 30 फीट ऊंचा द्वार है, जिस पर पार्श्वनाथ की एक प्रतिमा लगी हुई है।
यह प्रतिमा चार स्तंभ पर टिकी हुई है, जो कि आत्मिक प्रायश्चित के चार जरूरी तत्व यानी ज्ञान, आत्मविश्लेषण, अच्छा आचरण और तपस्या को दर्शाता है। यहां आप दो हाथियों को प्रतिमा की पूजा करते हुए देख सकते हैं। संगमरमर के बने इस तीर्थ स्थल में मंदिरें, गेस्ट हाउस, प्राकृतिक चिकित्सा व योगा केन्द्र और एक खूबसूरत गार्डन है।
अमिया नाम से जाना जाना वाला पवित्र जल एक मूर्ति से बहता है। श्री उवासग्गहरम पार्श्व तीर्थ में पूर्णिमा के दिन बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं।