शेख फरीद या बाबा फरीद के मकबरे के संगमरमर से बने दो विशाल द्वार हैं। पूर्वी वाले दरवाजे को नूरी दरवाजा या प्रकाश का द्वार और उत्तरी दरवाजे बहिश्ती दरवाजा या स्वर्ग का द्वार कहा जाता है। मकबरे के अन्दर कपड़े या चद्दर से ढकी दो संगमरमर की गुफायें हैं। ये बाबा फरीद और उनके बड़े बेटे की कब्रें हैं। लोग यहाँ आते हैं और फूल चढ़ाते हैं। हलाँकि महिलाओं को अन्दर जाने की मनाही है।