चक सरकार वन, एक घना जंगल इलाका है जो मुमडॉट गांव के पास स्थित है, इसे 1953 में पंजाब सरकार के द्वारा एक संरक्षित वन घोषित कर दिया गया। इस जंगल को कृत्रिम उत्थान से पुर्नवासित किया गया है। इस कृत्रिम जंगल को वन विभाग के द्वारा प्रबंधित किया जाता है और यहां...
हरिके वेटलैंड, फिरोजपुर - अमृतसर बॉर्डर पर लगभग 86 किमी. के क्षेत्रफल में बसा हुआ है। इसकी अतंरराष्ट्रीय अपील के कारण, इस आर्द्रभूमि को एक वन्यजीव अभयारण्य घोषित कर दिया गया। इस जमीन को भी यूएनडीपी के तहत, 1990 में इंटरनेशनल बॉडी ऑफ वेटलैंड द्वारा...
शान - ए - हिन्द, एक बड़ी सी कंक्रीट की संरचना है जिसे पंजाब के मुख्य वास्तुकार डिजायनर के द्वारा बनाया गया था। इसकी लम्बाई 42 फुट के आसपास और ऊंचाई 56 फीट के आसपास है जिसे एक ही नजर में दर्शक देखकर खुश हो जाते है। शान - ए - हिन्द,...
पोथीमाला को 1745 में गुरू जीवन मल के द्वारा बनवाया गया था। पोथीमाला शब्द को पोथी यानि पवित्र पुस्तक और माला यानि माला से बनाया गया है जो श्री गुरूनानक जी की थी - इन्हे भी यहां दर्शाया गया है। पर्यटक, यहां आकर पदम और गुरू जी के सालीग्राम भी देख सकते...
जैन मंदिर, एक सुंदर मंदिर है जो जीरा में स्थित है, यह फिरोजपुर से 36 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर को 1980 में बनवाया गया था, जो पार्श्वनाथ - 23 वें तीर्थांकर को समर्पित है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां 1200 साल पुरानी पीतल की मूर्तियां रखी हुई...
अबोहर वन्यजीव अभयारण्य, एक ऐसा स्थान है जहां प्रकृति को उसके सबसे सुंदर स्वरूप में देखा जा सकता है। इस क्षेत्र को वर्ष 2000 में, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत एक वन्यजीव अभयारण्य घोषित कर दिया गया था। यह अभयारण्य, 13 गांवों...
बारकी मेमोरियल को 1969 में बनवाया गया था, इसे उन सैनिकों की याद में बनाया गया है जो 1965 के युद्ध में शहीद हो गए थे। ये सभी सैनिक 7 इन्फ्रैंटी डिवीजन के सदस्य थे। इस स्मारक की आधारशिला को 11 सितम्बर, 1969 में लेफ्टिनेंट जनरल हरबख्श...
राष्ट्रीय शहीद स्मारक, फिरोजपुर में भारत - पाक बॉर्डर से कुछ किमी. की दूरी पर स्थित है, जिसे 1968 में सतलज नदी के तट पर बनवाया गया था। यहीं पर क्रांतिकारियों - भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू को सजा से ठीक एक दिन पहले ही फांसी पर लटका दिया गया था।
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साराग्रही मेमोरियल गुरूद्वारा को 1897 में हुई लड़ाई की स्मृति में बनवाया गया है। साराग्रही मेमोरियल को आर्मी के द्वारा, 36 सिक्ख रेजीमेंट के 21 सिक्ख सैनिकों के सम्मान में बनाया गया है जिन्होने बज़ीरस्तान के सारागाही किले की दस हजार...
एंग्लो - सिक्ख युद्ध स्मारक को शहीदों के सम्मान में 1976 में बनाया गया था। इस स्मारक में उन सभी वीरों का बड़ा सा चित्र लगा है जिन्होने फिरोजशाह के मुदकी में ब्रिटिश सैनिकों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और अपने जीवन का बलिदान दे दिया।
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