डोड्डा बसप्पा (डांबला मंदिर), अपने बहुकोणीय तारकीय आकार के लिए जाना जाता है, साथ में कई अन्य धार्मिक स्थलों का समूह डांबला में स्थित हैं। इस मंदिर में एक शिव लिंग है, जो क्षेत्रीय देवता भगवान शिव का निशान है। इसकी बारीक नक्काशी और सुंदरता के लिए कारण् सभी यात्रियों को इस परिसर में जाने की सलाह दी जाती है, जो लोग गडग से गुजर रहे होते हैं।
इतिहासकारों के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण कल्याणी चालुक्य वंश के शासकों ने कराया था। इसके अंदर के भाग में मंदिरों की मानक संरचना है, जिसमें पवित्र कक्ष (सेला), एक बरोठा (अंतराल) और मंटप (नवरंग या हॉल) शामिल हैं। पांच सिर वाले ब्रह्मा की छवियों, उनके वाहन, हंस, और सूर्य की दो छवियां मंटप में मौजूद हैं।
मंदिर के प्रवेश द्वार पर, सुंदर बंधनवार और चक्राकार खिड़कियों से तराशा गया दरवाजा है। मंदिर के खंभों और दीवारों पर कई देवी देवताओं के चित्रों एवं आकृतियों को खूबसूरती से तराशा गया है। देवी तारा को समर्पित एक बौद्ध मंदिर इस मंदिर के निकट स्थित है।