गलिबोर कर्नाटक में बैंगलोर के पास लगभग 110 किमी. की दूरी पर स्थित एक सुंदर गंतव्य है। अर्कावाथि नदी और कावेरी नदी के संगम से लगभग 10 किमी. की दूरी पर स्थित गलिबोर एक निर्जन क्षेत्र है जो कावेरी वन्य जीवन अभ्यारण्य के घने जंगलों के बीच स्थित है।
गलिबोर एक प्रसिद्ध फिशिंग और नेचर कैम्प है जो कावेरी नदी कि किनारे स्थित है तथा यहाँ हरे भरे पेड़ हैं। इस स्थान का नाम गलिबोर नाम की पहाडी के नाम पर पड़ा जो कैंप के पीछे स्थित है। पहाड़ियों से घिरा हुआ गलिबोर कैंप वनस्पतियों से घिरा हुआ है तथा यहाँ से कावेरी नदी का दृश्य देखा जा सकता है।
पर्यटक लगातार गलिबोर क्यों आते हैं
गलिबोर छुट्टियां मनाने के लिए एक सुंदर स्थान है जहाँ प्रकृति प्रेमी आते रहते हैं तथा यह एक लोकप्रिय एंगलिंग स्थान है जहाँ व्यावसायिक एंग्लर्स anglers अक्सर आते रहते हैं। गलिबोर में आने वाले एंगलिंग पर्यटक अक्सर कैच एंड रिलीज़ नीति का अनुसरण करते हैं जिसमें मछली को पकड़ने के बाद उसका फोटो खींचकर उसे पुन: पानी में छोड़ दिया जाता है।
एंग्लर्स कार्प, कैटफिश तथा अन्य कई छोटी मछलियों के साथ साथ मुख्यत: मशीर को निशाना बनाते हैं जो मछलियों की एक लुप्तप्राय प्रजाति है तथा कावेरी के जल की प्रमुख विशेषता है। गलिबोर में प्रकृति प्रेमियों के लिए वन्य जीवन दर्शन तथा पक्षियों को देखने के अवसर भी मिल सकते हैं।
ऐसा माना जाता है कि गलिबोर में 220 से अधिक प्रजाति के पक्षी पाए जाते हैं जिनमें डार्टर, चितकबरी बतख, विचित्र छोटे किंगफिशर, गहरे पीले रंग का बाज़, कलगीदार कोयल, काले पेट वाली कुररी, स्लेटी सिर वाला फिशिंग बाज़ और शहद बाज़ शामिल हैं। यहाँ जो स्तनपायी जानवर पाए जाते हैं उनमें सांबर, चितकबरा हिरन, हाथी, तेंदुआ, जंगली सूअर, बड़ी गिलहरी, मालाबार बड़ी गिलहरी और सियार शामिल हैं।
गलिबोर में विभिन्न प्रकार के सांप जैसे पायथन, कोबरा, रशेल वाईपर तथा बैंडेड क्रेट्स तथा विभिन्न सरीसृप जैसे मगरमच्छ, कछुए, गिरगिट तथा लेइथ्स सॉफ्ट शेल्लेड कछुए आदि देखे जा सकते हैं।
गलिबोर की यात्रा के लिए उचित समय
खेल प्रेमी गलिबोर में कावेरी नदी में गोलाकार नौका में सवारी कर सकते हैं तथा यह अपने पर्यटकों को हाईकिंग का विकल्प भी उपलब्ध करवाता है जहाँ उन्हें जंगल के अंदर घूमने का मार्गदर्शन दिया जाता है।
यदि आप पक्षियों को देखने के लिए गलिबोर जाना चाहते हैं तो जून से अगस्त के बीच का समय सबसे उत्तम होता है क्योंकि इस दौरान यह क्षेत्र विभिन्न प्रजातियों के जल में रहने वाले पक्षियों तथा भूमि पर रहने वाले पक्षियों से भरा रहता है। फरवरी, मार्च और अप्रैल के मध्य तक का समय एंगलिंग के लिए आदर्श समय होता है।
गलिबोर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है जहाँ दक्षिण की विभिन्न कंपनियां अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करती हैं।
गलिबोर कैसे पहुंचे
यह स्थान रास्ते द्वारा जुड़ा हुआ है तथा बैंगलोर से कनकपुरा संगम रास्ते द्वारा दो घंटे में गलिबोर पहुंचा जा सकता है।