भेटाने, छतरपुर से 56 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह स्थान एक दुर्लभ प्रजाति ब्लैक बक की बहुतायत के लिए बहुत प्रसिद्ध है। ये बारहसिंगे इस जगह के मुख्य आकर्षण हैं। भेटाने मुख्य रूप से उपजाऊ मिट्टी की भूमि है, जहां ग्रामीण विस्तृत विविधता की फसलों की खेती करते हैं।...
Bala Kumari is a very famous temple located in Orissa and is considered as one of the auspicious places that one must visit in the state. There are 1240 steps that one has to surmount in order to get a glimpse of the deity. There are a lot of myths that are...
गिरिसोल,आंध्र प्रदेश से ओडिशा के लिए एक प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है जो बहरामपुर से 38 किमी दूर स्थित है। शहर के शोर- शराबे व भीड़ से दूर थकान मिटाने के लिए पर्यटकों के लिए यह स्थान एकांत में उपयुक्त वातावरण उपलब्ध कराता है। यहां नजदीक ही पर्यटकों की थकान...
हुमा कांटिअग्धा, गंजम में छतरपुर से 13 किमी दूर स्थित है। यह स्थान अपने समुद्र तट के लिए प्रसिद्ध है जिसकी गूंज अंतरराष्ट्रीय हो गई है। यहाँ सूर्य स्नान का आनंद लिया जा सकता है। साहसिक गतिविधियों के प्रेमियों को घूमने के लिए यहां बहुत कुछ है। सूर्य की ऊंचाई तक...
आर्यपल्ली, गंजाम के जिला मुख्यालय छतरपुर से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक समुद्र तट है। आर्यपल्ली बीच अपने ऊर्जादायक मौसम के लिए जाना जाता है, जिसकी वजह से दुनिया भर से पर्यटक यहां इसकी ओर खिंचे चले आते हैं। इसके तटों पर बहुतायत से पाये जाने वाले झाऊ के वृक्ष...
महुरी कलो मंदिर, छतरपुर से 37 किमी तथा बहरामपुर से 15 किमी दूर स्थित है। यह मंदिर देवी महुरी कलौ को समर्पित है, जिनके बारे में माना जाता है, कि महुरी के राजा ने इनकी पूजा की थी। लोककथाओं के अनुसार, देवी को पहले एक गुफा के अंदर स्थापित किया गया था, जहां केवल राजा...
जोगदा, बहरामपुर से 35 किमी दूर स्थित है। यह स्थान मौर्य कालीन एक प्राचीन किले के खंडहर की मौजूदगी के लिए प्रसिद्ध है। मौर्य काल से संबंधित कई प्रस्तर शिलालेख यहाँ स्थित हैं। जोगदा, नदी रुशिकुल्या के तट पर स्थित है और इसलिए यहां रुशिकुल्या घाटी सभ्यता से संबंधित...
अथगदपतन, छतरपुर से 37 किमी दूर स्थित है। अथगदपतन में विशाल ऐतिहासिक संस्मरण उपलब्ध हैं। यह महान कवियों कबिसूर्या बलदेव रथ और कबि जादुमणि महापात्र का जन्म स्थान है। ऐसा माना जाता है कि एक बार अथगदपतन के राजा नें पुरी के गजपति राजा को आश्रय प्रदान किया था तथा...
निर्मलझार, गंजम से 37 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह स्थान यहां स्थित परिसर के लिए प्रसिद्ध है, तथा इस परिसर में भगवान विष्णु, भगवान जगन्नाथ, देवी विमला, राधा कृष्ण, भगवान शिव, भगवान गणेश और सूर्य देवता को समर्पित मंदिर के शामिल हैं। बधगटी पर्वत से बारहमास नीचे...
उज्लेश्वर, गंजम में बहरामपुर से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। उज्लेश्वर मंदिर एक पहाड़ी पर एक गुफा के बाहर स्वयं प्राकृतिक रूप से विकसित हो गया है। मंदिर तक पहुंचने के लिए पहाड़ी के पत्थरों को काटकर कई सीढ़ियों का निर्माण किया गया है। एक बड़ा पत्थर नाटकीय रूप...
पंचनामा,गंजम में छतरपुर से 37 किमी दूर स्थित है। इस जगह की प्रसिद्धि सिद्ध बिनायक मंदिर की उपस्थिति से है। मंदिर में भगवान गणेश की मूर्ति है जिसे एक पीपल के पेड़ के नीचे उसकी छाया में पूजा जाता है। किंवदंतियों के अनुसार, गजपति के शासकप पुरूषोत्तम ने कांची के विजय...