उज्लेश्वर, गंजम में बहरामपुर से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। उज्लेश्वर मंदिर एक पहाड़ी पर एक गुफा के बाहर स्वयं प्राकृतिक रूप से विकसित हो गया है। मंदिर तक पहुंचने के लिए पहाड़ी के पत्थरों को काटकर कई सीढ़ियों का निर्माण किया गया है। एक बड़ा पत्थर नाटकीय रूप से मंदिर के देवता की पीठ के रूप में स्थित हो गया है।
इस पत्थर को भी छील कर सीढ़ियां बनाई गई हैं, ताकि भक्त इससे पूरे मंदिर का अवलोकन कर सकें। शांत इलाके में स्थित इस स्थान का भ्रमण यहां आने वाले लोगों को शांति व पुनर्शक्ति का अहसास देता है। यहां पहुंचने से पहले, गोधरा बांध को पार करना होता है। विजयनगर नामक किला व इसके मंदिरों को इस बांध नें जलमग्न कर दिया है।
इस जगह के चुप्पी अक्सर तब टूट जाती है जब अपनी प्यास बुझाने के लिए यहां हाथी, अजगर और मगरमच्छ के झुंड अक्सर आते हैं। बांध के ऊपर खड़े हो कर इस स्वतः स्फूर्त प्राकृतिक वातावरण तथा खूबसूरत वन्य जीवन को देखने का लुत्फ उठाया जा सकता है।