झारखंड के गिरिडीह जिले के विभिन्न दर्शनीय स्थलों में से मधुवन एक विशेष आकर्षण है। यह एक गाँव है जहाँ एक मंदिर 2000 साल से भी ज्यादा पुराना माना जाता है। यह पिर्टलैंड ब्लॉक में स्थित है और जैनियों के लिए एक धार्मिक स्थल है। समोशरण मंदिर और भौमिया जी आस्थान मधुवन के सबसे महत्वपूर्ण जैन मंदिर हैं। जैन म्यूज़ियम में रखे गए जैन धर्मग्रन्थ, पांडुलिपियाँ और मूर्तियाँ, पर्यटकों को कई अनजान तथ्यों की जानकारी देते हैं।
म्यूज़ियम की बालकनी में एक टेलिस्कोप है जिससे जिज्ञासू पर्यटक पारसनाथ मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। यदि कोई पारसनाथ मंदिर के लिए ट्रैकिंग करना चाहता है तो उसे मधुवन से चढ़ाई शुरू करनी पड़ती है। इसकी चढ़ाई मंदिर के उत्तरी दिशा से 13 किमी तक चढ़नी पड़ती है। यहाँ तक कि बसें भी मधुवन तक आकर रुक जाती हैं जहाँ से लोगों के पास चढ़ाई के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं होता है।
गिरिडीह से मधुवन 40 किमी और पारसनाथ 10 किमी की दूरी पर है। बहुत से जैन मंदिरों की उपस्थित इस जगह को जैनियों के लिए पूरे संसार में सबसे पवित्र जगह बना देती है। अतः मधुवन एक पिकनिक स्पॉट बन गया है जिसकी शाकाहारी व्यंजनों और मदिरा को लेकर अपनी सीमाएँ हैं।
मधुवन के विश्राम गृह मंदिर के थके हुए भक्तों को आराम की सुविधा देते हैं। इस गाँव के जैन मंदिरों में कुछ भित्ति चित्र हैं जो पारसनाथ हिल पर स्थित मंदिरों को दर्शाते हैं। पारसनाथ का एक प्रतीक जिस पर चौथी शताब्दी की तारीख खुदी हुई है, पालगंज के इस मंदिर में मौजूद है। यह मधुवन से 12 किमी की दूरी पर स्थित है।